भ्रष्टाचार का गढ़ बना गरियाबंद जलसंसाधन विभाग में 11 साल पहले की घोटाले की फिर से हो रही है पुनरावृत्ति,फिंगेश्वर डिस्ट्रीब्यूटर शाखा में कछुवा गति से हो रहे नहर लाइनिंग निर्माण कार्य में दिख रही जगह-जगह भ्रष्टाचार दरारें - Savdha chhattisgarh
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भ्रष्टाचार का गढ़ बना गरियाबंद जलसंसाधन विभाग में 11 साल पहले की घोटाले की फिर से हो रही है पुनरावृत्ति,फिंगेश्वर डिस्ट्रीब्यूटर शाखा में कछुवा गति से हो रहे नहर लाइनिंग निर्माण कार्य में दिख रही जगह-जगह भ्रष्टाचार दरारें

.अधिकारी व ठेकेदार घटिया निर्माण कार्य कर शासन को लगा रहा है करोड़ो का चूना,कार्य में अनियमितता को लेकर विभाग के 5 दोषी अधिकारी 11 साल पहले हो चुके है सस्पेंड,फिर भी नही सुधर पा रहे लापरवाह.


परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।
गरियाबंद जल संसाधन विभाग लगभग 11-12 साल हुए नहर लाइनिंग कार्य की भ्रष्टाचार की पुनरावृत्ति कर रहा है।जिसमे विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार  की मिलीभगत से स्तरहीन निर्माण कार्य हो रहा है।जिससे सरकार को करोड़ो रूपए का चूना लग रहा है।शासन की मंशा रही है कि जनता का पैसा जनता के हित और विभिन्न विकास व निर्माण कार्य में लगे। जिसके लिए अनेक योजना बनाई गई है और क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक ढांचा तैयार किया गया है। लेकिन सरकार के नुमाइंदे क्या योजनाओं का सही क्रियान्वयन कर रहा है? क्या शासन द्वारा दिए गए राशि का सही उपयोग धरातल पर मापदंडों के तहत काम हो रहा है?ये सबसे बड़ा सवाल है। अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया जलसंसाधन विभाग में हो रहे सबसे बड़ा भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का खेल खुलेआम चल रहा है। जहां शासन के महत्वपूर्ण नहर लाइनिंग कार्य में विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार द्वारा करोड़ो की राशि को बंदरबाट करने की नियत से बत्तर से बदतर घटिया और गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसके कारण नहर लाइनिंग का कार्य निर्माण हुए ठीक से साल भर भी नहीं हुआ और जगह-जगह भ्रष्टाचार की दरारें जगह जगह दिखाई दे रहा है।जो इस बात की गवाही दे रहा है की किस तरह से ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारी थूक पालिश कर पूरी राशि को डकारने गिद्ध नजर बनाए हुए है।किसान हितैसी महत्वपूर्ण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है।लेकिन क्षेत्रीय विधायक सहित जनप्रतिनिधियो और नेताओ को इस झांकने तक की फुर्सत नही है।ये जनहित के मुद्दे को छोड़कर आयोजनों में भाषण मारकर केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरने तक सीमित है।जिससे आम जनता में इनकी किरकिरी होना स्वाभाविक है।

गौरतलब है कि गरियाबंद जिले के जलसंसाधन विभाग अंतर्गत पैरी नहरों को लाइनिंग करने शासन द्वारा अरबों रुपए की राशि दिए हैं।जहां राजिम,फिंगेश्वर और पांडुका सब डिवीजन में पैरी दाईं मुख्य नहर व फिंगेश्वर डिस्ट्रीब्यूटर शाखा नहर में लाइनिंग का काम चल रहा है।जिसमे फिंगेश्वर वितरक नहर में लाइनिंग का कार्य चल रहा है किंतु कछुआ गति से चल रहे निर्माण कार्य से इस क्षेत्र के किसान निस्तारी और रबी फसल के पानी के लिए लगभग चार सालो से तरस रहा है।वही लापरवाह और भ्रष्टाचारी विभागीय अधिकारियों की वजह से नहर लाइनिंग का कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चल रहा है।जिस पर जिले के कलेक्टर सहित जनप्रतिनिधि मुखदर्शक बन शासन को चूना लगाने वाले जिम्मेदार और लापरवाहो को खुली छूट दे रखे हैं ।आपको बता दें कि उक्त नहर लाइनिंग कार्य के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा अशोक मित्तल को टेंडर दिया गया था लेकिन अनिल सिंह चंदेल पेटी कॉन्ट्रैक्ट लेकर काम कर रहा है ।जहां ठेकेदार अनिल सिंह चंदेल विभागीय अधिकारी के साथ सांठगांठ कर निर्माण कार्य में लीपापोती कर स्टीमेट के विपरीत खराब मटेरियल का इस्तेमाल कर गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं ।ठेकेदार अधिक पैसा कमाने के चक्कर में सारे नियमों को ताक में रखकर शासन के सभी नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदारों को इस पूरे मामले पर कोई सरोकार नहीं है लोग यह भी कह रहे हैं कि ठेकेदार अनिल सिंह चंदेल की ऊपर से लेकर नीचे तक पकड़ अच्छी है ।जिसके कारण निर्माण पर कोई भी जांच कार्यवाही करने में हिम्मत नही दिखा पा रहे है।जिसके वजह से घटिया निर्माण का कार्य जोरों पर चल रहा है और निर्माण के कुछ दिनों में ही टूटने फूटने का दौर जारी है।

11साल पुराने टूटे फूटे स्ट्रेकचर पर कर रहे है नया निर्माण

बताना लाजमी है कि जल संसाधन विभाग अंतर्गत पांडुका और फिंगेश्वर सब डिविजन में वर्ष 2011 में पैरी नहर लाइनिंग का कार्य स्वीकृत हुआ था।लेकिन उस समय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों की भ्रष्ट नीतियों की वजह से कार्य अधूरा रह गया था और तत्कालीन 5 दोषी अधिकारियों को कार्य में अनियमितता के चलते सस्पेंड कर दिया था।लेकिन 11 साल बाद आज फिर भी उसी नीतियों को दोहराते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारी 10 साल पुराने टूटे-फूटे स्ट्रक्चर पर ही निर्माण कार्य  कर लीपापोती करने में लगे हैं ।ना तो टूटे स्लीपर को रिपेयरिंग किया गया और ना ही पूर्ण रूप से टूट गए स्लीपर के जगह कोई नया स्लीपर निर्माण नही किया गया। जिससे साफ जाहिर होता है कि विभाग के अधिकारी और ठेकेदार कमीशन के चक्कर में 11 साल पहले की भ्रष्टाचार नीति की पुनरावृति करते हुए नहर लाइनिंग कार्य को लीपापोती कर अमलीजामा पहना कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने में लगे हैं। 

कमीशनखोरी और गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य ने कुछ माह में ही नहर लाइनिंग की खोल दी पोल  

करोड़ों अरबों रुपए की लागत से बन रहे नहर लाइनिंग कार्य में पांडुका और फिंगेश्वर सब डिवीजन के नहरों में बड़े-बड़े दरारे अभी से नजर आ रही है। वही अभी नहर लाइनिंग कार्य हुए साल भर भी नहीं हुआ है और विभाग के अधिकारी व ठेकेदार मिलकर लीपापोती कर भ्रष्टाचार को खुला तौर पर अंजाम देने में लगे है।जहां देखे दरार ही दरार दिखाई देता है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है।

जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल

सरकार की ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा की नीति गरियाबंद जिले में इसके विपरीत नजर आ रही है जिले के विभिन्न विभागों में निर्माण व विकास कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं ।जल संसाधन विभाग द्वारा नहर लाइनिंग कार्य में हो रहे अनियमितता को लेकर लगातार खबर प्रकाशन के बाद न तो जिले के कलेक्टर ने कोई गंभीरता दिखाई और न ही राजिम विधायक ने इस ओर कोई दिलचस्पी दिखाई। निर्माण कार्य में हो रहे भारी अनियमितता पर आखिर राजिम विधायक चुप्पी क्यों साधे हुए हैं जबकि कांग्रेसी विधायक की प्रदेश में सरकार है इसके बावजूद भी सरकार की महत्वपूर्ण कार्य में हो रहे घोर लापरवाही पर आखिर कार्यवाही में देरी क्यों? जनप्रतिनिधि का कार्य आम जनता की समस्याओं को निराकरण के साथ-साथ सरकार द्वारा किए जा रहे निर्माण व विकास कार्य की मॉनिटरिंग करना भी है। लेकिन राजिम विधायक को सत्ता और संगठन से दूर इन मामलों से कोई लेना-देना नहीं है ।जिसके कारण इतने बड़े मामले पर हो रहे अनियमितता पर उन्होंने न तो निर्माण कार्य का मौके पर जाकर जायजा लिया और न ही अपने किसी प्रतिनिधि को दिखाने भेजा। विधायक की ढुलमुल रवैया से जनता जनार्दन के बीच किरकिरी होना लाजमी है

वर्जन

एक बार साथ चलिए कहा कहा पर टूटा फूटा है देखते है। जंहा जहा दरार है उसको पुनः ठीक कराएंगे और ठेकेदार को जो पेनाल्टी है उसे लगाएंगे।मुझे यहा आए ज्यादा दिन नहीं हुआ है।किसानों की समस्या और जो भी हुआ है निर्माण कार्य में मै उसे समझ रहा हु।बेहतर कार्य करने की कोशिश करेंगे।

ईई बर्मन,जलसंसाधन विभाग गरियाबंद

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