वन परिक्षेत्र फिंगेश्वर अंतर्गत डिप्टी रेंजर की बड़ी लापरवाही,फिंगेश्वर सर्कल की वनों और वन्यप्राणियो की सुरक्षा में हो रही जमकर कोताही,नवपदस्थ महिला डिप्टी रेंजर नही कर रहे कोई भी मॉनिटरिंग, इमारती लकड़ियों पर चल रहा है आरा मशीन की करस्तानी - Savdha chhattisgarh
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वन परिक्षेत्र फिंगेश्वर अंतर्गत डिप्टी रेंजर की बड़ी लापरवाही,फिंगेश्वर सर्कल की वनों और वन्यप्राणियो की सुरक्षा में हो रही जमकर कोताही,नवपदस्थ महिला डिप्टी रेंजर नही कर रहे कोई भी मॉनिटरिंग, इमारती लकड़ियों पर चल रहा है आरा मशीन की करस्तानी

 


परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।एक तरफ जिले के नवपदस्थ डीएफओ जंगलों की सुरक्षा को लेकर काफी सजग दिख रहे है और लगातार वन और वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर लगातार अपने अधिकारी कर्मचारी को लगातार निर्देश दे रहे है।उसके बावजूद भी जंगलों और वहा की शोभा बढ़ाने वाले जीव जंतुओं की सुरक्षा करने में कुछ लापरवाह अधिकारी जमकर कोताही बरतते हुए अपने कर्तव्यों के विपरित कार्य कर रहे है।हालांकि फिंगेश्वर वन परिक्षेत्र कार्यालय के प्रभारी व युवा रेंजर एसडी दीवान भी हमेशा अपने दायित्वों के प्रति काफी गंभीर व सक्रिय रहने के साथ साथ लगातार जंगलों में उतरकर मॉनिटरिंग करते रहते और बिटगार्ड और डिप्टी रेंजरो सहित सभी कर्मचारियों को समय समय पर वनों और जंगली जीव जंतुओं की सुरक्षा व कार्यों को लेकर आवश्यक निर्देश देते रहते है।लेकिन कुछ ऐसे लापरवाह डिप्टी रेंजर भी है जो उच्च अधिकारियों की निर्देश और अपने कर्तव्यों के विपरित कार्य करने से भी बाज नहीं आ रहे है।जो वन विभाग में जिम्मेदार पद में रहकर भी वनों की सुरक्षा करने के बजाय खुद वनों के भक्षक बन घोर लापरवाही बरत रहे है।


बता दे की फिंगेश्वर वन परिक्षेत्र कार्यालय में फिंगेश्वर सर्कल अंतर्गत डिप्टी रेंजर सरस्वती खांडे की पदस्थापना हुई है।जिसके द्वारा न तो जंगलों की मॉनिटरिंग की जा रही है और न ही ठीक से मुख्यालय में रह रही है।जिसके चलते लकड़ी तस्कर उक्त डिप्टी रेंजर के लापरवाही का फायदा उठाकर जंगल को नेस्तानबुत करने में लगे है और कीमती प्रजाति के सागौन और बीजा जैसे इमारती पेड़ो पर जंगलों में खुलेआम लख्खा आरा मशीन से धाराशायी करने का खेल खूब चल रहा है।जिसे रोकने में डिप्टी रेंजर पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।या यूं कहे की डिप्टी रेंजर ने जंगलों का उजाड़ करने की लकड़ी तस्करों को खुली छूट दे रखा है। इस मामले को लेकर फिंगेश्वर सर्कल के सभी बीटो में मीडिया द्वारा पड़ताल किया गया। जहा एक बड़े पैमाने पर इमारती लकड़ियों की कटाई मिला। वो भी मशीन से काटा हुआ मिला।जिससे इस सर्कल में पदस्थ डिप्टी रेंजर की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है।आपको पुनः बता दे की इस सर्कल में पदस्थ डिप्टी रेंजर सरस्वती खांडे अपने कारनामे को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है क्योंकि उसके द्वारा जहा भी पदस्थ रहे हमेशा लापरवाही और जंगलों का उजाड़ करवाती रही है।लेकिन इस बार जिस तरह से इनके ड्यूटी क्षेत्र में कीमती इमारती लकड़ियों की मशीन से कटाई हो रही है उससे साफ जाहिर है की मैडम को ड्यूटी से ज्यादा ठसनबाजी और वेतन प्यारा है।इसे जंगल और वन्य प्राणीयो की सुरक्षा के प्रति कोई गंभीर नहीं है और न कोई सरोकार है।इसके और बहुत सारे कारनामे है जिसको जल्द उजागर कर सामने लाया जाएगा।वही इस मामले में डिप्टी रेंजर सरस्वती खांडे ने मामले की अनभिज्ञता और जंगलों की मॉनिटरिंग करने की बात मीडिया को कहा है।

अपने कारनामों को लेकर हमेशा जानी जाती है ये लापरवाह अधिकारी

बताना चाहेंगे की डिप्टी रेंजर सरस्वती खांडे गरियाबंद जिले के पाण्डुका और छुरा वन परिक्षेत्र कार्यालय अंतर्गत कई बीटो में काम कर चुकी है।जो कई लापरवाह कार्य को अंजाम दे चुकी है और वर्तमान में फिंगेश्वर वन परिक्षेत्र कार्यालय के अंतर्गत फिंगेश्वर सर्कल में पदस्थ है।लेकिन अपने लापरवाह कारनामा को छोड़ने का नाम नहीं ले रहे है।देखा जाए तो विभाग ने उसे दो स्टार लगाकर डिप्टी रेंजर बनाकर सर्कल का प्रभार भी दे दिए है।लेकिन सवाल ये है की इस महिला डिप्टी रेंजर को किस जीच का विभाग लगातार प्रमोशन दे रहा है?क्या विभाग उक्त लापरवाह अधिकारी को जंगल उजाड़ करने का और गैरजिम्मेदाराना कार्य करने का प्रमोशन दे रहा है या उच्च विभाग इस पर मेहरबान है ,ये समझ से परे है।लेकिन अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले इस डिप्टी साहिबा को लापरवाही बरतने और अपने कर्तव्यों के विपरित कार्य करने के बाद भी प्रमोशन मिलना और एक सेंसिटिव क्षेत्र का प्रभार मिलना भी जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।वही वर्तमान में इसके सर्कल क्षेत्र के अनेकों बिट में लगातार इमारती लकड़ियों की कटाई हो रही है।जिससे उच्च अधिकारी भी अनजान है।वही इस मामले को लेकर प्रभारी रेंजर एसडी दीवान से बात करने पर जांच करने का आश्वासन दिए है। तो वही मामले में डीएफओ गरियाबंद से संपर्क नही हो पाया है।



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