छुरा और परसूली वन परिक्षेत्र के कई बिट के जंगल में हरे भरे इमारती पेड़ो की अवैध रूप से बेदम कटाई , इमारती प्रजाति की पेड़ो की चढ़ रही है बलि
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से बढ़ रहा हौसला.रेंजर.बिंडगार्ड और डिप्टी रेंजर द्वारा करवा रहे है खुलेआम अंधाधुंध कटाई, जंगल अब ठूठ में बदलने लगे हैं.
परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।गरियाबंद वनमंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र छुरा और परसूली के बोडराबांधा और अमलोर बीड के जंगल से रोजाना पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। जानकारी होने के बाद भी वन विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से अवैध कटाई करने वालों के हौसले बढ़े हुए हैं। वनमंडल के वन परिक्षेत्र छुरा के अनेकों बीट से सैकड़ों पेड़ की अवैध कटाई जोरों से हो रही है। वहीं दूसरी ओर लकड़ी चोरों द्वारा साजा, धौरा प्रजाति सहित इमारती प्रजाति के पेड़ो की अवैध कटाई बेखौफ लगे हुए हैं। खुलेआम अंधाधुंध कटाई से जंगल अब ठूठ में बदलने लगे हैं। अवैध कटाई पर वन विभाग चुप्पी साधना भी आश्चर्यजनक है।
वन विभाग के अधिकारियों का आंख मूंदकर बैठने से उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामवासियों से पूछने पर पता चला कि बीट गार्ड जहां कार्य होता है, वहीं जाते है तथा शिक्षक की तरह आना जाना करते है। पूर्व में भी इसी तरह वन अधिकार पट्टा के लालच में अमलोर जंगल में पेड़ की कटाई की गई थी। मामला सामने आने पर खानापूर्ति करने केवल छूट पुट कार्यवाही बस किया गया था। बहरहाल अवैध पेड़ कटाई के इस मामले में वन विभाग क्या कार्रवाई करता है, यह आने वाला वक्त ही बताएगा, पर वन परिक्षेत्र जंगलों के संरक्षण संवर्धन तथा वनों की सुरक्षा के लिए केंद्र व राज्य सरकार प्रतिवर्ष क्षेत्र में लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है किंतु पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने में वन विभाग पूरी तरह असफल रहा है।वहीं नौसिखिया रेंजर और उसके कर्मचारियों को जंगल की सुरक्षा के प्रति कोई सरोकार नहीं है।अब मामले को लेकर उच्च विभाग से लिखित शिकायत कर बिट निरीक्षण की मांग की जाएगी।तो वहीं परसूली रेंज में इमारती पेड़ो की कटाई ने इतिहास रचना शुरू कर दिया। नौसिखिया रेंजर केवल सरकारी गाड़ी में रास्ता नाप केवल शासन का डीजल पेट्रोल बस बर्बाद कर रहे है।इस परिक्षेत्र के बिट में अतिक्रमण के साथ सैकड़ों की संख्या में बहुमूल्य प्रजाति की पेड़ो की कटाई अपनी चरम सीमा पार कर गया है।