नगरपालिका और जनता का विश्वास एक बार फिर गफ़्फ़ू मेमन के साथ ,अविश्वास प्रस्ताव हुआ ध्वस्त - Savdha chhattisgarh
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नगरपालिका और जनता का विश्वास एक बार फिर गफ़्फ़ू मेमन के साथ ,अविश्वास प्रस्ताव हुआ ध्वस्त

 


अविश्वास प्रस्ताव पर जीत गफ़्फ़ू मेमन की हुई नपा उपाध्यक्ष के ऊपर लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जहां कांग्रेस को 8 वोट मिले वही भाजपा को 7 वोट मिले।

 


Sawdhan chhatisgarh news@गरियाबंद-नगरपालिका में उपाध्यक्ष के प्रति कांग्रेस पार्टी के आठ पार्षदो के द्वारा अविश्वास प्रस्तुत करने कलेक्टर को 24, नवम्बर को ज्ञापन दिया दिया गया था ,उस अविश्वास प्रस्ताव में बहुमत साबित करने 9 दिसम्बर का समय निर्धारण करते हुए आज शुक्रवार को नगरपालिका के सभाकक्ष में मतदान की प्रक्रिया प्रारम्भ किया गया ।ज्ञात हो कि गरियाबंद नगर पालिका में 15 पार्षदो में आठ पार्षद कांग्रेस और सात पार्षद बीजेपी समर्थक माने जाते है ,इसके साथ ही पालिका के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर बीजेपी समर्थक गफ्फार मेमन और सुरेंद्र सोनटके पदासीन है ।वही उपाध्यक्ष के कार्य से असंतुष्ट आठ कांग्रेस के पार्षदो द्वारा उपाध्यक्ष के प्रति अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन सौपा गया ,वही शुक्रवार को को अविश्वास प्रस्ताव को सिद्ध करने का तिथि निर्धारित के साथ ही सुबह 11 बजे से चुनाव अधिकारी एडीएम और एसडीएम के साथ सभी पंद्रह पार्षद सभाकक्ष में प्रवेश कर वोटिंग की प्रक्रिया प्रारम्भ हुआ और 2:30 को फ़ैसला भाजपा के पक्ष में आया जहां पर एक बार फिर गफ़्फ़ू मेमन की टीम को जीत हासिल हुआ

हम सब एक परिवार है ये जीत नगरवासियों की हुई है -गफ़्फ़ू मेमन

मैं आप सभी नगरवासियों को धन्यवाद करता हूँ आप सभी मेरी ताक़त है हम पहले से ज़्यादा और अधिक ऊर्जा के साथ गरियाबंद के विकास के लिए कार्य करेंगे मुझे विश्वास है आप सब मेरा साथ ऐसे ही देते रहेंगे हम सब एक परिवार है और आज मेरी नहीं पूरे परिवार की जीत हुई है

क्या कहते है आँकड़े

गरियाबंद में कुल पार्षदों की संख्या 15 है कांग्रेस के पास 8 पार्षद है वही भाजपा के पास 7 पार्षद है ,कांग्रेस के पास 8 पार्षद होने के बावजूद भी अपनी बहुमत लाने के लिए उन्हें 10 पार्षदो की ज़रूरत थी वही भाजपा के पास अभी 7 पार्षद है , पर जब सरकार बनी तो भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाने में कामयाब हुई थी , वही कांग्रेस को सत्ता में आने के लिए  2 और पार्षदों की ज़रूरत थी ,नियम के तहत दो तिहाई बहुमत होने पर अविश्वास प्रस्ताव मान्य होगा,

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