छुरा ब्लॉक के ग्राम करकरा में विभाग की सह पर परदेशी और विदेशी निषाद कर रहे है अवैध ईंट भट्ठा का संचालन,विभाग के नाक के नीचे दो दर्जन से अधिक ईंट भट्ठा का लाखो में बेखौफ हो रहा कारोबा
परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।जिले भर में इन दिनों अवैध ईंटों का कारोबार विभाग की सह पर फल फूल रहा है ।लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से ईंट भट्टा के कोचियों के हौसले बुलंद है।
ईंट भट्टा संचालकों द्वारा नदी किनारे ईट भट्टों का संचालन किया जा रहा है। छुरा ब्लॉक के ग्राम करकरा में 4 दर्जन से भी अधिक ईंट भट्ठा है जो लाखो की मात्रा में एक एक ईंट भट्ठा है।वही ग्राम मंडेली में याद राम निषाद सहित फिंगेश्वर ब्लॉक मुख्यालय में नदी के किनारे अवैध रूप से ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं।बता दे कि फिंगेश्वर ब्लॉक मुख्यालय में सुखा नदी के तट किनारे लगभग 5 किलोमीटर तक ग्राम परसदाकला, ख़ुडसा तक हजारों ईंट भट्टा अवैध रूप से संचालन कई वर्षों से हो रहा है। ऐसा नहीं हैं कि इसकी जानकारी खनिज विभाग एवं राजस्व विभाग को नहीं है।
जिला व ब्लॉक मुख्यालय सहित नगर के चारों ओर गांव गांव गली गली अवैध ईंट भट्टों का कारोबार जोरों पर है। ईंट भट्ठा संचालक शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बिना लाइसेंस के कई ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं। ईंट भट्ठों के संचालक मोटी रकम कमाई कर रहे हैं। इससे शासन प्रशासन को लाखों रुपये की राजस्व क्षति हो रही है। जिले में ईट भट्टे के कारोबार करने की होड़ मची हुई है।वही ग्राम करकरा में परदेशी और विदेशी निषाद लाखो ईंट भट्ठा का निर्माण कर शासन को राजस्व हानि पहुंचा रहा है।
जबकि शासन के निर्देशानुसार ईंट भट्टे लगाने के लिए बाकायदा शासन से अनुमति की आवश्यकता है मगर अनुमति नहीं ली जाती । ईट भट्टों में लकड़ी और कंडे का उपयोग न कर चिमनी और कोयले से इन्हें पकाया जाता है। दर्जनों ईट भट्टे नियम विरूद्ध संचालित हो रहे हैं।प्रशासन की नाक के नीचे अवैध ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है और राजस्व और खनिज विभाग के अधिकारी मूक दर्शक बने बैठे हैं। लोगों का कहना है कि उनकी मिली भगत से अवैध ईंट भट्ठे संचालित हो रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने इन पर कार्रवाई की मांग की है।
आज तक नहीं हुई ठोस पहल
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आज तक इन अवैध कारोबारियों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। इससे अवैध ईंट बनाने वालों के हौसले बुलंद हैं। कभी कभार छोटी मोटी कार्रवाई होती है मगर बड़े पैमाने पर ईंटों का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से प्रतिवर्ष ईंट भट्टा संचालकों की संख्या बढ़ती जा रही है। कई ठेकेदारों द्वारा एक जगह की अनुमति लेने के बाद कई जगहों पर ईंट भट्ठा संचालित किया जाता है। ऐसे ईंट भट्ठों को बंद कराने में खनिज व राजस्व विभाग के अधिकारी अक्षम साबित हो रहे हैं।इन अवैध ईटों को पकाने के लिए अधिकांश जगहों पर अवैध कोयला खरीदी कर इसका उपयोग ईट भट्टा संचालकों द्वारा किया जाता है। साथ ही कई जगहों पर बड़े-बड़े वृक्षों की भी बलि चढ़ा दी जाती है। नदी किनारे मिट्टी को काटकर नदी को क्षति पहुंचाई जा रही है।जिसकी शिकायत छुरा तहसीलदार से लिखित में हुआ है,जिस पर त्वरित कार्यवाही करने का आश्वासन दंडाधिकारी द्वारा मीडिया को दिया