पीडीएस चावल की खरीदी बिक्री पर नहीं है जिम्मेदारों का लगाम, आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक छुरा के व्यापारी रजा ट्रेडर्स कर रहे है खुलेआम पीडीएस की चांवल की खरीदी - Savdha chhattisgarh
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पीडीएस चावल की खरीदी बिक्री पर नहीं है जिम्मेदारों का लगाम, आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक छुरा के व्यापारी रजा ट्रेडर्स कर रहे है खुलेआम पीडीएस की चांवल की खरीदी

.पड़ताल में गए पत्रकारों को खुलेआम धमकी,कहा तहसील, एसडीएम और कलेक्टर मेरा कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता,तहसीलदार ने कहा विभाग के  साथ संयुक्त टीम बनाकर करेंगे उचित कार्यवाही.


परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।
विभाग द्वारा बनाए गए राशन कार्डों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले के लोगों ने दावा किया ऐसे राशन कार्ड बना दिये गये जिन्हें इस योजना की कोई जरूरत नहीं थी।आपको बता दे कि मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले जरूरतमंद हितग्राहियों को मिलने वाला राशन जिले की साप्ताहिक हाट बाजारों में खुलेआम बिक रहा। खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद भी व्यापारी साप्ताहिक हाट बाजारों में पसरा लगा इस चावल को खरीद रहे, वही हितग्राही भी एक रुपए में मिलने वाला चावल को लाभ कमाने के लालच में व्यापारियों को बेच रहे हैं, राशन के चावल की होने वाले अवैध खरीद-फरोख्त कारोबार की जानकारी विभागीय अमले को होने के बाद भी अवैध खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाने जिम्मेदार विभागीय अफसर उदासीनता बरत रहे।

आपको पुनः बता दे कि कोमाखान रोड में शराब भट्ठी के पास रजा ट्रेडर्स के नाम से दुकान है जो अवैध तरीके से ग्रामीण कोचियों के साथ सांठ गांठ कर पीडीएस का चांवल भरपूर मात्रा में खरीदकर जिले से बाहर अधिक दाम में बेच रहे है।जिसके पास कई क्विंटल पीडीएस का चांवल बोरी में भरा पड़ा है।जब मामले की पड़ताल करने मीडिया की टीम पहुंचा और रजा ट्रेडर्स के संचालक से सवाल किया गया तो उन्होंने मीडिया के टीम को धमकी देने के साथ कहा कि खाद्य विभाग,तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर मेरा कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता।अब इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चोरी और सीना जोरी इस कदर है कि विभाग इस पर लगाम लगाने में पूर्ण रूप से बेअसर है।जिस पर स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित तो हो रहा ही है।वही आपको फिर बता दे कि एक रुपए प्रति किलो की दर से लगभग 35 किलो चावल महज 35 रुपये में मिलता है। जिसे 23 से 24 रुपए प्रति किलो की दर से व्यापारियों को बेच लोग सीधा-सीध मुनाफा कमा रहे है।जिसे रजा ट्रेडर्स के द्वारा खरीदा जा रहा है।

राशन कार्डों पर उठ रहे सवाल

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत विभाग द्वारा बनाए गए राशन कार्डों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले के लोगों ने दावा किया ऐसे राशन कार्ड बना दिये गये जिन्हें इस योजना की कोई जरूरत नहीं थी। वहीं कुछ परिवार ऐसे हैं जिनके पास राशन कार्ड ना होने से महंगा दाम पर चावल खरीदने को मजबूर है। सक्षम परिवार के लोग इस योजना के तहत मिलने वाले शक्कर, नमक, चना का प्रयोग घर में करते हैं। लेकिन राशन कार्ड में मिलने वाला चावल को लाकर वे प्रतिमाह 700 से लेकर 800 रुपये से अधिक तक का मुनाफा जरूर कमा रहे हैं। ऐसा इस योजना के तहत राशन कार्ड बनाने के दौरान विभाग द्वारा बरती गई अनियमितता के कारण हो रहा है।वही इस मामले को लेकर फूड इंस्पेक्टर ऋतु मौर्य से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा।

वर्जन1.

इस मामले पर जल्द उचित कार्यवाही होगी ,आपके द्वारा मामला संज्ञान में मिला है।

भगवान दास उईके,कलेक्टर,गरियाबंद

वर्जन2.

मामले में खाद्य विभाग और पुलिस टीम के साथ संयुक्त टीम बनाकर कार्यवाही और जांच की जाएगी,दोषी को नहीं बख्शा जाएगा।

तारेंद्र सिंह ठाकुर,तहसीलदार ,छुरा

वर्जन3

अभी मैं बाहर हु जल्द ही उच्च अधिकारी के दिशा निर्देश के अनुसार जांच कार्यवाही करेंगे।

झम्मन यादव पटवारी छुरा।

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