गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का पात्र हितग्राहियों नहीं मिल पा रहा लाभ,बरसात में धसकने लगी है लोगो का कच्ची मकान
अपात्र हितग्राही सहित सरकारी कर्मचारियों को आवास, जर्जर मकान में रहने पात्र हितग्राही मजबूर ,हो सकती है कभी भी अप्रिय घटना,नियम विरुद्ध पीएम आवास का वितरण
परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के वजह से पात्र हितग्राहीयो को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।जिसके वजह से पात्र हितग्राही जर्जर और बरसात में धसकते कच्ची नुमा और झोपडी युक्त मकान में रहने को मजबूर है।जबकि शासन की योजना उन परिवारों के लिए है जो कच्ची मकान में रहते है।लेकिन इसके उलट कार्य हो रहा है बड़े बड़े बिल्डिंग में रहने वालो को पहले वरीयता देकर सरकार की योजना को वो जिम्मेदार अधिकारी फेल करने में लगे है जिसे इस महत्वपूर्ण योजना की क्रियान्वयन की जिम्मेदारी है।नतीजन पात्र हितग्राही छलते नजर आ रहे है।जिस पर आज तक किसी भी प्रकार से कोई जांच कार्यवाही नहीं हुई।
क्या है प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का नियम
भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण आवास कार्यक्रम “इंदिरा आवास योजना” को पुनर्गठित कर दिनांक 1 अप्रैल 2016 से “प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण” का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वर्तमान में इस योजना के केन्द्रांश व राज्यांश का अनुपात 60:40 है।
उददेश्य : :-
योजना का मूल उद्देश्य सभी बेघर, कच्चे तथा टूटे-फुटे मकानो में रहने वाले परिवारो को बुनियादी सुविधा से युक्त पक्का आवास उपलब्ध कराया जाना है।
प्रमुख बिन्दु:-
1.यह एक केन्द्र प्रवर्तित योजना है। इकाई सहायता के लागत का वहन केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के आधार पर किया जाता है।
2.हितग्राहियो को आवास निर्माण हेतु प्रदाय की जाने वाली किश्तों की राशि का निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया जाता है ।
3. आवास निर्माण हेतु लक्ष्य/स्वीकृति का निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
4. आवासों का निर्माण स्वयं हितग्राही द्वारा किया जाता है। हितग्राहियों को राशि Fund Transfer Order (FTO) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में अंतरित की जाती है।
5.आवासों के निर्माण हेतु कोई डिजाईन निर्धारित नहीं है सिवाय इसके कि आवास का कुर्सी क्षेत्र 25 वर्गमीटर होना चाहिये । आवास इस अर्थ में पक्का होना चाहिए, कि रख-रखाव से कम से कम 30 वर्ष तक सामान्य टूट-फूट को सहन कर सके। छत स्थाई सामग्री की होनी चाहिए।
6. गाईडलाईन के अनुसार न्यूनतम 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति परिवारों के आवास निर्माण पर उपयोग करने का प्रावधान है। इसके अलावा राशि का 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों के लिए एवं 3 प्रतिशत निशक्तजनों के लिये भी उपयोग किया जाना प्रावधानित है ।
7. आवास, पत्नी अथवा संयुक्त रूप से पति और पत्नी के (विधवा/अविवाहित/अलग रह रहे व्यक्ति के मामले को छोड़कर) नाम से आबंटित होना चाहिये ।
8. आवास के निर्माण के साथ-साथ स्वच्छ शौचालय (स्वच्छ भारत अभियान/मनरेगा) बनाया जाना अनिवार्य है ।
9. योजनांतर्गत वर्ष 2016-23 हेतु आवास निर्माण हेतु Non IAP (सामान्य क्षेत्र) एवं IAP दुर्गंम क्षेत्र) जिलो हेतु ईकाई लागत क्रमशः 1.20 लाख एवं 1.30 लाख है। वर्ष 2024-25 हेतु यह लागत क्रमशः 1.20 लाख हो चुकी है।
10.प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत ग्राम स्तर पर हितग्राहियों के स्वीकृति आदेश जारी किये जाने से लेकर आवास निर्माण कार्य पूर्ण होने तक कार्य की निगरानी, पर्यवेक्षण एवं अन्य संबंधित कार्यवाहियों का सम्पादन आवास मित्र/समर्पित मानव संसाधन द्वारा कराया जा सकेगा। इस हेतु उन्हें रू. आवास पूर्णता पर 1000 प्रति आवास प्रोत्साहन राशि के रुप में प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के प्रशासनिक मद की राशि से भुगतान किया जावेगा।
हितग्राहियों का चयन :-
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत पात्र हितग्राहियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना-2011 एवं आवास प्लस में 2018 में शामिल सूची से किया जाता है।
वरीयता :-
• स्वतः शामिल परिवार में शामिल परिवार जैसे कि बेघर परिवार निराश्रित भिक्षुक, विशेष पिछडी जनजाति ,बंधुआ मजदूर, हाथ से मैला ढोने वाले परिवार, 01 एवं 02 कमरे वाले कच्ची छत/कच्ची दिवार वाले परिवार।
• परिवार में 16 से 59 वर्ष के बीच की आयु का कोई वयस्क सदस्य नहीं है।
• महिला मुखिया वाले परिवार जिसमें 16 से 59 वर्ष के बीच की आयु का कोई वयस्क पुरूष सदस्य नहीं है।
• निःशक्त सदस्य वाले और किसी सक्षम शरीर वाले वयस्क सदस्य से रहित परिवार।
• ऐसे परिवार जहां 25 वर्ष से अधिक आयु का कोई वयस्क साक्षर नहीं है।
• भूमिहीन परिवार जो अपनी ज्यादातर कमाई दिहाड़ी मजदूरी से प्राप्त करते है।
इसके अतिरिक्त निम्न उल्लेखित बिन्दुओं में यदि कोई परिवार शामिल हो तो, वह स्वतः ही अपात्रता की श्रेणी में अंकित किया जावेगाः-
मोटरयुक्त तिपहिया/चौपहिया वाहन।
मशीनीकृत तिपहिया/चौपहिया कृषि उपकरण।
रू. 50,000 अथवा इससे अधिक ऋण सीमा वाले किसान क्रेडिट कार्ड।
वे परिवार, जिनका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो।
सरकार के पास पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम वाले परिवार।
वे परिवार, जिनका कोई सदस्य 15,000/- रू. से अधिक प्रतिमाह कमा रहा हो।
आयकर देने वाले परिवार।
व्यवसाय कर देने वाले परिवार।
वे परिवार, जिनके पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि हो।
दो या इससे अधिक फसल वाले मौसम के लिए 5 एकड़ या इससे अधिक असिंचित भूमि हो।