बदहाल शिक्षा व्यवस्था की ये कैसी तस्वीर:पांच बच्चे दो शिक्षक सालों से जमे हैं पति पत्नी, शासन की शिक्षा व्यवस्था की खुल रही है पोल। - Savdha chhattisgarh
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बदहाल शिक्षा व्यवस्था की ये कैसी तस्वीर:पांच बच्चे दो शिक्षक सालों से जमे हैं पति पत्नी, शासन की शिक्षा व्यवस्था की खुल रही है पोल।

 बदहाल शिक्षा व्यवस्था और लापरवाह अधिकारी आखिर कब सुधरेगी व्यवस्था ,जिले के सैकड़ो विद्यालय शिक्षक विहीन,शिक्षा विभाग के नीति हो रही पूर्ण रूप से फ़ैल 


परमेश्वर कुमार साहू गरियाबंद।
एक तरफ सरकार शिक्षा व्यवस्था सुधारने और निशुल्क शिक्षा को लेकर तरह-तरह की जतन कर रहे हैं, बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों की वजह से शिक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से फेल होती नजर आ रही है।कई ऐसे स्कूल है जो शिक्षकों की कमी से जूझ रही है जिससे बच्चों की भविष्य खतरे में है तो वही प्रशासनिक व्यवस्था ऐसी है कि शिक्षकों को पोस्टिंग के माध्यम से स्वर्ग की प्राप्ति हो रही है जिसका ताजा उदाहरण जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत फुलझर के आश्रित ग्राम कामार टोला  खदरही में देखने को मिला। आपको बता दे की जिले का आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक छुरा सहित जिला भर शिक्षको की कमी से जूझ रही है।अव्यवस्थाओं का आलम इस कदर है कि सैकड़ो बच्चों में एक शिक्षक तो कहीं पांच बच्चों में दो शिक्षक की व्यवस्था कर प्रशासन अपना इति श्री करने में लगे हुए हैं। जिला प्रशासन शिक्षा व्यवस्था को लेकर इस कदर लापरवाही बरत रहे हैं कि बच्चों की भविष्य पर गहरा संकट मंडरा रहा है।बावजूद जिन अधिकारियों को व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी है ,वह अधिकारी शासन का डीजल पेट्रोल खत्म कर केवल सड़क नापने तक ही सीमित है, मॉनिटरिंग के नाम पर जिम्मेदार लापरवाह अधिकारी अपने कर्तव्यों से विमुख कार्य कर केवल महीने के आखिरी पगार लेने तक सीमित रह गए हैं।इन अधिकारियों को शासन की महत्वपूर्ण योजना से कोई सरोकार नहीं है नतीजन गरियाबंद जिले के हर स्कूल में बदहाली की अव्यवस्था साफ तौर पर देखी जा सकती है। जो आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक छुरा सहित पूरे जिला भर में देखी जा सकती है ग्राम खदराही में जिस तरीके से पांच बच्चों पर दो शिक्षक की नियुक्ति की गई है ,जिसमें पति-पत्नी कई सालों से एक ही जगह पदस्थ है जहां से लेकर एक एक क्लास में एक-एक बच्चे दर्ज है लेकिन बहरा और गूंगा प्रशासन इन दोनों शिक्षकों को पूरे सबाब में फूल सुविधा मुहैया कर रही है ।इस मामले को लेकर दबंग केसरी द्वारा पड़ताल किया गया। जहां पांच बच्चे में केवल दो बच्चे स्कूल में दिखाई दिए। वही इस मामले को लेकर शिक्षकों से सवाल किया गया तो उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी बात बता कर अपना पल्ला झाड़ लिए।



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