फिंगेश्वर स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल शासन की योजना में डांका डालने और गरीबों को लूटने का बना बड़ा केंद्र,पैसों की लालच में संचालक उड़ा रहा है नियमो की खुलेआम धज्जियां
.नर्सिंग होम एक्ट के सारे नियमो के विपरित हो रहा है हॉस्पिटल का संचालन,जिम्मेदारों का दिख रहा है खुला संरक्षण.
परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भारत सरकार की सबसे बड़ी एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है। इसके अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक का कैशरहित स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है।लेकिन कुछ निजी हॉस्पिटल इस योजना में लूटमार कर शासन की योजना को पलीता लगा ही रहा है।साथ ही गरीब जनता से अतिरिक्त मनमानी राशि वसूलने से बाज नहीं आ रहे है।एक तरफ मरीज का जहा योजना के तहत मुफ्त इलाज होना है उसमे आयुष्मान भारत योजना से भी राशि निकाल रहे है तो वही दूसरी ओर गरीबों से नगदी लाखो की राशि वसूलकर अपने कर्तव्यों के विपरित कार्य कर सारे नियम, कायदा कानून की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे है।
एक ऐसा ही मामला गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक मुख्यालय स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल का है जो शासन की योजना में डांका डाल गरीब जनता से उगाही करने का बड़ा खेल खेलकर गरीबों के पेट में लात मारने और योजना को पूर्ण रूप से विफल करने में लगे है।जिसकी लगातार शिकायत मिलने पर सुदूर संवेदन वनांचल क्षेत्र में जाकर पड़ताल किया गया।जिन मरीजों ने उक्त हॉस्पिटल में इलाज करवाया था।पड़ताल में हॉस्पिटल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आया। जहा मरीजों का इलाज के नाम पर आयुष्मान कार्ड से भी पैसा निकाला गया तो वही गरीब मरीजों से नगदी 30-40 हजार की राशि भी वसूल लिए।गौर करने वाली बड़ी बात ये भी है की मरीजों को इलाज संबधी न तो कोई दस्तावेज दिया गया और न ही पैसा जमा करने का किसी भी प्रकार से बिल दिया गया है।जो लाइफ लाइन हॉस्पिटल की लूट नीति को साफ तौर पर उजागर कर रहा है।अब मामले की शिकायत पीड़ित मरीज उच्च विभाग और टोल फ्री नंबर में करने की तैयारी है।वही इस मामले की जानकारी जिला स्वास्थ विभाग से भी मीडिया द्वारा करने पर कार्यवाही का आश्वासन दिए है।लाइफ लाइन हॉस्पिटल द्वारा किए जा रहे है लापरवाही पर जल्द बड़ा खुलासा किया जाएगा और उसके करतूतों को बेनकाब कर जनता और शासन प्रशासन के समक्ष लाया जाएगा।वही इस मामले को लेकर लाइफ लाइन हॉस्पिटल के संचालक को उनका पक्ष जानने फोन किया गया।लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया।