भगवान राजीव लोचन कि नगरी राजिम मे गुरु पूर्णिमा अमृत आनंद महोत्सव 2023 (2 व 3 जुलाई ) को
Tuesday, 27 June 2023
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परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।लोग अक्सर एक प्रश्न में उलझे रहते हैं कि तीर्थ क्यों जाएं?* तीर्थ इसलिए जाएं क्योंकि तीर्थ स्थल का वातावरण मन में को बढ़ में सब कुछ त्रिगुण द्वारा रचित है, फिर भी कहीं सत्व गुण की प्रधानता रहती है, रजो गुण, कहीं तमोगुण की।जिन स्थानों पर ॠषियों ने सालों तकतपस्या किया वहाँ स्वाभाविक रुप से सत्व गुण की अधिकता होती है। तीर्थ स्थान में जाकर वहाँ के वातावरण से तादात्म्य स्थापित करने से सत्व की ऊर्जा हमारे अन्दर उदित होने लगती है जिससे मन हल्का एवं प्रफुल्लित हो जाता है।जीवन में आने वाली परिस्थितियां मनुष्य को अनवरत निचोड़ती रहती है इसलिए इस संसार में रहना कभी- कभी बहुत कठिन महसूस होता है, हम करना कुछ चाहते हैं, और करते कुछ हैं इसे ही मायाजाल कहते हैं, मकड़ी के जाले के भांति यह हमें उलझाय रहता है, कोई मार्ग नहीं सूझता है बाहर आने का, ऐसे में तीर्थ पर जाना मन के क्लेश को शान्त करने का आसान मार्ग लगता है।तीर्थ वह स्थान है जहाँ जाकर मनुष्य के अन्दर सत्व की ऊर्जा की वृद्धि होती है,इन पुण्य स्थलों में वृन्दावन, प्रयाग, काशी, अयोध्या, बदरीनाथ, केदारनाथ, पुरी, अवन्तिका, हरिद्वार औऱ छत्तीसगढ़ कि प्रयाग राजिम नगरी आदि प्रमुख हैं। तीर्थ"तृ"* धातु से बना है इसका अर्थ तरण है, तरण अर्थात पार करने का साधन होता है।यह हम सभी का परम सौभाग्य है कि इस बार शांति धाम साधक कल्याण समिति छ. ग. व श्रीं चंकेश्वरी दिव्य धाम ( गुरुसत्ता आध्यात्मिक संस्थान ) के तत्वाधान मे गुरु दर्शन अमृत आनंद महोत्सव पूज्य गुरूजी डॉ आनन्द मतावले जी " के सान्निध्य में भगवान्राजीव लोचन, महामाया की नगरी राजिम में सम्पन्न होने जा रहा है।अतः सभी साधक / शिष्य भद्र जन अपने अपने क्षेत्रो मे व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए अपना समय स पुण्य का सहभागी बने।
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