वनमण्डल स्टाप गए पिकनिक मनाने ,लकड़ी तस्कर वीरान करने पहुँचे जंगल,उदंती अभ्यारण्य स्थित कायबा इको सेंटर में वन विभाग के बीडगार्ड से लेकर आला अधिकारी मनचाहा व्यंजन और मनचाहा रसपान कर अपने कर्तव्यों को किया तार तार,पिकनिक मनाने सरकारी वाहन का किया उपयोग, दफ़्तर से लेकर जंगल तक पसरा सन्नाटा,आखिर काहे का वन रक्षक,जंगल के रक्षक बन बैठे वनों के भक्षक,अब कौन करायेगा वन अधिनियम का पालन... - Savdha chhattisgarh
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वनमण्डल स्टाप गए पिकनिक मनाने ,लकड़ी तस्कर वीरान करने पहुँचे जंगल,उदंती अभ्यारण्य स्थित कायबा इको सेंटर में वन विभाग के बीडगार्ड से लेकर आला अधिकारी मनचाहा व्यंजन और मनचाहा रसपान कर अपने कर्तव्यों को किया तार तार,पिकनिक मनाने सरकारी वाहन का किया उपयोग, दफ़्तर से लेकर जंगल तक पसरा सन्नाटा,आखिर काहे का वन रक्षक,जंगल के रक्षक बन बैठे वनों के भक्षक,अब कौन करायेगा वन अधिनियम का पालन...


 परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद। पिकनिक मनाने वन मण्डल बाबू स्टाप सहित रेन्ज अधिकारी आफिस बन्द कर पिकनिक मानने पहुँचे उदंती अभ्यारण्य।इधर लकड़ी तस्कर मौका देख जंगल मे इमारती लकड़ी काटने पहुँच गए ।पत्रकारो की टीम अचानक वन परिक्षेत्र धवलपुर जंगल पड़ताल में निकली हुए थे जहाँ वन परिक्षेत्र अंतर्गत जंगल में लकड़ी तस्कर जंगल से साल पेड़ कट हुआ मिला वही पत्रकारों की टीम देखकर लकड़ी तस्कर भाग निकला ।

धवलपुर परिक्षेत्र अधिकारी व स्टाप से पूछ ताछ करने पहुँचे तो ऑफिस में ताला लटका मिला , आसपास ग्रामीणों से पूछताछ करने पर उदंती पूरा बाबू स्टाप सहित पिकनिक मनाने गये हुए हैं वही सरकारी वाहन का उपयोग करते हुए धवलपुर परिक्षेत्र अधिकारी सहित स्टाप सहित उदंती जाने की बात सामने आई।हमारे विश्वशनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गरियाबंद डिविजन अंतर्गत सभी स्टाफ चिकन मटन लेकर उदंती अभ्यारण्य स्थित कयाबा इको सेंटर पिकनिक मनाने चले गए थे और सुबह 9 बजे से ही दफ्तरों में ताला लग गया था।अब साहब लोग पिकनिक मनाने गए थे तो दारू ,मुर्गा तो जरूर लेकर गए होंगे।अब सवाल ये है की 24 घंटा वनों की सुरक्षा की जिसको जिम्मेदारी है वही कितना गंभीर लापरवाही बरतने में लगे है।विभाग के अधिकारियों द्वारा पिकनिक मनाने सरकारी वाहन से जाने की जानकारी भी हमारे सूत्रों से मिला।बता दे की जंगलों की मॉनिटरिंग और विभागीय कार्य के लिए शासन द्वारा वन विभाग को चमचमाती गाडियां दी गई है।लेकिन जिम्मेदार और लापरवाह अधिकारी इसका दुरुपयोग पिकनिक मनाने के लिए कर रहे है।इन गैरजिम्मेदारो को वनों की सुरक्षा के प्रति कोई सरोकार तो नही है हा लेकिन मॉनिटरिंग के नाम पर सरकारी वाहन को केवल सड़क नापने और घूमने का काम जरूर आ रहा है। परिक्षेत्र अधिकारी को फोन पर बात करने तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला।आखिर अब इन पर कौन करेगा ये सबसे बड़ा सवाल है।

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