आदिवासी बाहुल्य छुरा ब्लॉक में शिक्षा व्यवस्था और शासन की योजना को बंटाधार करने में लगे हैं, बीईओ, मीडिया के सवाल पर कहता है लापरवाह जिम्मेदार अधिकारी स्कूलों में जाकर तुमको जानकारी जुटाने का अधिकार थोड़ी है, वह हमारा काम है ।अपने लापरवाह नदारद शिक्षा को बचाने कर रहा हर संभव प्रयास,करकरा के प्राथमिक स्कूल में एक शिक्षक नदारद , वहीं दूसरी ओर मीडिया की पड़ताल में पूर्व माध्यमिक शाला में सुबह से लगा हुआ है ताला
परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुधारने हर संभव प्रयास कर रहे है।जिसके लिए शिक्षक सहित आला अधिकारी को अहम जिम्मेदारी है।लेकिन शिक्षा का स्तर इस तरह से गिरते जा रहा है जिसे देखने वाला कोई नहीं है।जैसे लापरवाह अधिकारी है वैसे ही उनके शिक्षक है।
गरियाबंद जिले के आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक छुरा के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बद से बदत्तर होते जा रहा है। जहा लापरवाह शिक्षक न तो समय पर स्कूल पहुंच रहे है और न ही ठीक से बच्चो को पढ़ा रहे है।हर एक स्कूल में शिक्षक नदारद मिलते है।उसके बावजूद भी छुरा बीइओ कार्यवाही और जांच करने के बजाय अपने शिक्षको को बचाने में लगे है। ऐसा लगता है की नदारद और गैरजिम्मेदार शिक्षक इन्हे अपने लापरवाही का कुछ हरा नोट भेंट में इन्हे चढ़ा रहा है। ब्लॉक के संकुल केंद्र रानीपरतेवा अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला करकरा में सहायक शिक्षक लक्ष्मीनारायण मांडले स्कूल से नदारद थे।जिसकी जानकारी एचएम से लेने पर छुट्टी में होने की बात कही।जबकि उक्त शिक्षक द्वारा न तो छुट्टी के लिए कोई आवेदन दिया है और न ही कोई सीएल लगा है।वही इसी परिसर में स्थित माध्यमिक शाला में सुबह से ताला लगा है।वही बच्चे स्कूल के क्लास रूम बैठकर पढ़ने के बजाय परेड टाइम स्कूल से बाहर घूमते व स्कूल परिसर के मैदान में खेलते नजर आए।अब सवाल ये की क्या नन्हे मुन्हे बच्चे स्कूल शिक्षा अर्जित करने जाते है या फिर केवल मध्यान भोजन या फिर स्कूल परिसर में खेलेने?जिसकी जानकारी बीइओ छुरा केके मतवाले को देने पर पहले तो जांच कार्यवाही की बात किए।फिर मीडिया के सवालों पर धौंस दिखाते हुए कहने लगे कि स्कूल का जानकारी लेने का अधिकार तुम्हे नही है वो हमारा काम है,पत्रकारों का काम नहीं है बीइओ का काम है। बाइट देने का मेरा अधिकारी है।जो भी जानकारी है मैं दूंगा।
आपको बता दे की छुरा ब्लॉक में जब से बीईओ के रूप में केके मतवाले है तब से लगातार शिक्षा के स्तर में गिरावट के साथ साथ शिक्षक लगातार लापरवाह हो रहे है और स्कूलों में शिक्षक नदारद मिल रहे है। बीईओ साहब मॉनिटरिंग करने के बजाय केवल शासन का डीजल पेट्रोल बर्बाद कर केवल सरकारी वाहन में केवल सड़क नापने का काम कर रहे है।स्कूलों में अव्यवस्था फैली हुई है ,बच्चो के पढ़ने का भवन जर्जर पड़ा है,शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आ रहे है और शिक्षा का स्तर लगातार गिरते जा रहे है।लेकिन साहब ऐसी रूम से टसमस नही हो रहे है।इन्हे बाहर निकलकर झांकने तक की फुरसत नहीं है और मीडिया की सवाल पर उल्टे ही पत्रकारों को नसीहत देने में लगे है।जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है की सरकार के नुमाइंदे सरकार की महत्वपूर्ण योजना में किस तरह से लापरवाही बरत रहे है।