छुरा तहसील के रवेली में खेत बनाने के नाम पर हजारों हरे भरे पेड़ो की बलि,विभाग से बिना परमिशन लिए राजेंद्र ठाकुर चला रहे है कुल्हाड़ी,राजेंद्र ठाकुर ने, मीडिया के सवाल पर दुर्व्यवहार करते हुए कहा जो उखाड़ना है उखाड़ लो मेरा कुछ...
परमेश्वर कुमार साहू @गरियाबंद।गरियाबंद जिले का छुरा ब्लॉक जंगल उजाड़ने का हब बन गया है।चाहे वो राजस्व की जमीन हो या फिर वन विभाग की जमीन।हरे भरे पेड़ पौधों की कटाई को रोकने में छुरा ब्लॉक के अफसर पूरी तरह से फेल साबित हुए है।जिसके चलते जंगलों का विनाश लगातार जारी है।लेकिन जिम्मेदारों को इस और झांकने तक की फुर्सत नही है।
छुरा तहसील अंतर्गत ग्राम रवेली में राजेंद्र ठाकुर द्वारा सारे नियमो को ताक में रखकर खेत बनाने बिना तहसील से परमिशन लिए हजारों हरे भरे पेड़ को काट रहे है।उक्त व्यक्ति द्वारा उस जमीन को अपना निजी जमीन बताते हुए पेड़ो की बेदम कटाई कर रहे है।हालांकि ये भी जांच का विषय है की वो जमीन उसका निजी जमीन है या फिर सरकारी जमीन।जबकि नियम के मुताबिक अगर किसी भी किसान के निजी जमीन में पेड़ पौधा हो तो उसे संबंधित विभाग से परमिशन लेना पड़ता है।लेकिन राजेंद्र ठाकुर ने पेड़ काटने किसी भी प्रकार से विभाग से परमिशन नही लिया है और पेड़ो की बेदम कटाई कर डाला है।जबकि उस जमीन पर घने जंगल की तरह पेड़ पौधा है।अब इसमें सवाल ये भी है की उस जमीन पर जंगल होने के बावजूद किसान को पट्टा कैसे मिला? कही न कही तत्कालीन जिम्मेदारों द्वारा एक बड़ी लापवाही बरते है और बिना मौका जांच किए संबंधित को कब्जा देकर नक्शा खसरा जारी किए होंगे।जिसके कारण किसान को घने जंगल में नियम विरुद्ध पट्टा मिल गया।
जब इस मामले को लेकर संबंधित किसान राजेंद्र ठाकुर से उनका पक्ष जानने संपर्क किया गया तो वे उल्टे ही मीडिया को नसीहत देने में लगे थे और कुछ गुर्गे लेकर आए थे।मीडिया के सवालों पर अभद्र व्यवहार करते हुए कहा कि जाओ जो उखाड़ना है उखाड़ लो,जो छापना है छाप लो, मैने तहसील से पेड़ काटने का कोई परमिशन नही लिया है।मेरी जमीन है तो मैं खेत बनाने पेड़ पौधों को काट रहा हु।