छुरा ब्लॉक के धान खरीदी केंद्र खड़मा में किसानों को लूटने जिम्मेदार अधिकारियों की खुली छूट,डिजिटल इलेक्ट्रानिक कांटा में निर्धारित वजन से अधिक कांटा कर प्रति बोरी में 500 ग्राम का अन्नदाताओं को लगाया जा रहा है चुना - Savdha chhattisgarh
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छुरा ब्लॉक के धान खरीदी केंद्र खड़मा में किसानों को लूटने जिम्मेदार अधिकारियों की खुली छूट,डिजिटल इलेक्ट्रानिक कांटा में निर्धारित वजन से अधिक कांटा कर प्रति बोरी में 500 ग्राम का अन्नदाताओं को लगाया जा रहा है चुना

 


परमेश्वर कुमार साहू @गरियाबंद।शासन द्वारा किसानों के एक एक दाने को खरीदने और उचित मूल्य में देने तरह तरह के जतन कर रहे है।लेकिन धान खरीदी केंद्रों में जिम्मेदार समिति प्रबंधकों द्वारा एक बड़ी लापरवाही बरत कर किसानों को चुना लगाने का खेल खूब चल रहा है।जंहा किसानों के धान को निर्धारित तौल से ज्यादा तौल कर अन्नदाताओं को नुकसान करने के साथ साथ जिम्मेदार अपनी जेब भरने में लगा है।

अपने कारनामे को लेकर हमेशा से ही सुर्खियों में रहना वाला गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक का धान खरीदी केंद्र खड़मा का कारनामा एक बार फिर सामने आया है। जहा इस सीजन में धान खरीदी के नाम पर ही किसानों के साथ ही डकैती करने और कंटामारी के खेल को विभागीय अधिकारियों द्वारा खुली छूट दी गई है।जिसके चलते खुलेआम डिजिटल इलेक्ट्रानिक कांटा से निर्धारित तौल से अधिक कांटा कर किसानों को चुना लगाया जा रहा है।शासन द्वारा 40 किलो जंहा कांटा करने निर्देश किया गया है वन्हा एक किलो अतिरिक्त 41 किलो वजन किया जा रहा है।जिसमे 700-800 ग्राम बोरी का वजन किया जाता है।लेकिन खडमा धान खरीदी केंद्र में 41 किलो से ऊपर कांटा कर अन्नदाताओं को लूटा जा रहा है।दिलचस्प बात ये भी है की मीडिया द्वारा नए और पुराना खाली बोरी का वजन कराया गया।जिसमे नए खाली बोरी का वजन 540 ग्राम और पुराने खाली बोरी का वजन महज 450 ग्राम था।लेकिन समिति द्वारा बोरी का एक किलो वजन किया जा रहा है।इस लिहाज से किसानों को प्रत्येक कांटे में 500 ग्राम का नुकसान हो रहा है।जिसे साफ शब्दों में कहा जाए तो मॉनिटरिंग  के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और विभाग की खुली छूट और कमीशन के लिए किसानों को खुलेआम लूटने का काम धान खरीदी केंद्र खड़मा में जोरों से चल रहा है।लेकिन जिला प्रशासन मूक दर्शक बनकर इस खेल का आनंद लेने में लगा है।

हमेशा से ही विवादित रहा है खडमा धान खरीदी केंद्र

आपको बता दे की शासन द्वारा किसानों के एक एक दानों को उचित दाम पर खरीदने हरसंभव प्रयास कर रहे है।जिसके लिए धान खरीदी केंद्र में किसानों की सुविधा के अनुसार स्थापित किए है। धान खरीदी केंद्र खड़मा हमेशा से ही इस तरह के मामले को लेकर सुर्खियों में रहा है। जंहा इस धान खरीदी केंद्र में अनेक लापरवाहियों के साथ साथ किसानों को लूटने और शासन को चुना लगाने का काम हमेशा हुआ है।जिसमे कुछ दिनों पहले समिति प्रबंधक को जेल की हवा भी खाना पड़ा है।इसके बावजूद भी इन लापारवाहो को किसी भी कानून का खौफ नहीं।जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में किसानों को लूटने का गोरखधंधा खूब फल फूल रहा है।

अधिकारी नही कर रहे मॉनिटरिंग

धान खरीदी केंद्रों में उचित व्यवस्था और देखरेख के लिए शासन प्रशासन द्वारा अपने अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त किए है।लेकिन खड़मा के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी धान खरीदी केंद्र प्रारंभ होने के इतने दिन गुजरने के बाद भी एक बार यन्हा झांकने तक नही पहुंचा है। ठसनबाज नोडल अधिकारी एसी रूम में बैठकर केवल कागजों में रिपोर्ट शासन को भेजने में लगा है।इसे शासन के कार्यों और किसानों के समस्याओ के प्रति कोई सरोकार नहीं है।वही सूचना बोर्ड में किसी भी जिम्मेदार अधिकारीयो नंबर नही लिखा गया है।जिसके कारण नोडल अधिकारी से संपर्क नही हो पाया।

जब इस मामले को लेकर समिति प्रबंधक तिलक राम पटेल का पक्ष  जानने संपर्क किया गया तो उन्होंने गोल मोल जवाब दिया और मीटिंग में होने की बात कही।

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