वनाधिकार पट्टा वितरण में पटवारी द्वारा अपात्र लोगो को पात्रता का लगाया मुहर,गरीब और भूमिहीन हुए शासन की योजना से वंचित,सरकारी नौकरी में पदस्थ परिवार के लोगो को भी पट्टा वितरण,अब गैरजिम्मेदार पटवारी दिखा रहे है अपनी पावर,कर रहे है पद का दुरुपयोग - Savdha chhattisgarh
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वनाधिकार पट्टा वितरण में पटवारी द्वारा अपात्र लोगो को पात्रता का लगाया मुहर,गरीब और भूमिहीन हुए शासन की योजना से वंचित,सरकारी नौकरी में पदस्थ परिवार के लोगो को भी पट्टा वितरण,अब गैरजिम्मेदार पटवारी दिखा रहे है अपनी पावर,कर रहे है पद का दुरुपयोग

 


परमेश्वर कुमार साहू @गरियाबंद।एक शिक्षक ने पटवारी के बारे में सच ही कहा था प का पट्टा देने वाला , ट का टरकाने वाला, वा का वार करने वाला और री का रिश्वत देने वाला। उस शिक्षक की कल्पना पटवारियों पर सौ प्रतिशत सही बैठता है।ये हाल गरियाबंद जिले के आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक छुरा में देखने को मिलता है। जन्हा पटवारी चाहे तो बिना मौका जांच किए घर बैठे ही किसी को सब कुछ दे सकता है।क्योंकि इनको सरकार से मिलने वाली तनख्वाह के आलावा कमीशन रूपी वेतन उससे अलग भी और उससे ज्यादा मिल जाता है।कुछ यूं ही हाल छुरा ब्लॉक में आसानी से देखने को मिलता है।

शिक्षक द्वारा कही गई पटवारी शब्द पर बात पटवारी धनेश ध्रुव पर सौ फीसदी फिट बैठता है।इस पटवारी द्वारा वनाधिकार पट्टा वितरण में जमकर गड़बड़ी करते हुए अपात्र लोगो को भी पात्र कर नक्शा खसरा प्रदान किया गया।जिससे शासन की योजना पूरी तरह से फेल हो गया।वही इनका गैर जिम्मेदाराना कार्य भी देखिए कानून के सारे नियम,कायदा के विपरित कार्य करते हुए सरकारी नौकरी में पदस्थ परिवार के लोगो को भी वनाधिकार पट्टा के लिए फर्जी तरीके से नक्शा खसरा जारी कर पात्रता होने का मुहर भी लगा दिया।वही इसके द्वारा जारी किए गए नक्शा खसरा में भारी उलट फेर है जिसके वजह से किसानों को मिला वन पत्र विवाद बन गया है।वही पटवारी की लापरवाही का आलम इस कदर है की चोरी भी और सीना जोरी करने के साथ नियमो का भी डर नही। ये पटवारी जंहा भी पदस्थ हुए अपना कारनामा छोड़ गए।इस मामले को लेकर खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार को अब आदिवासी समाज का सहयोग लेकर कटाघरा में खड़ा करने की बात उक्त पटवारी द्वारा शराब की नशे में बोल रहे है।खबर से बौखलाए पटवारी बोल रहे है की आदिवासी समाज के मुखिया से बात हो गई है मेरा कोई कुछ उखाड़ नही सकता।क्योंकि पटवारी भी एक आदिवासी है।अब सवाल ये की क्या समाज इस पटवारी के लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना कार्य को क्या सपोर्ट कर कानून के विपरित कार्य करने वाले का सहयोग करेंगे? गरियाबंद जिला में  हमेशा से ही इसी तरह से एसटी एससी का दुरुपयोग चलते आ रहा है।जबकि कानून द्वारा इस समाज को आगे बढ़ाने आरक्षण दिया गया है।लेकिन कुछ लोगो द्वारा इस कानून का हमेशा से हु दुरुपयोग किया जा रहा है यहा तक की इस कानून का दुरुपयोग मामलो को उजागर करने वाले पत्रकारों भी किए जाने लगा है।वही पटवारी के लापरवाही के मामले को मीडिया हर परिस्थिति में खबर दिखाते रहेंगे।कई ऐसे और मामले है जिससे जनता अनजान है,जिसको जल्द ही उजागर किया जाएगा।

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