समय पर उच्च रक्तचाप की पहचान कर अन्य गंभीर रोगों से बचा जा सकता है - Savdha chhattisgarh
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समय पर उच्च रक्तचाप की पहचान कर अन्य गंभीर रोगों से बचा जा सकता है

 

आईएचसीआई के तहत स्वास्थ्य अमले का हो रहा बीपी संबंधी प्रशिक्षण


(Sawdhan chattisgarh news)बलौदाबाजार
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च,विश्व स्वास्थ संगठन एवं छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से उच्च रक्तचाप की पहचान एवं उपचार करने के लिए बलौदाबाजार - भाटापारा जिले में इंडियन हाइपरटेंशन कंट्रोल इनीशिएटिव (आई एच सी आई) शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत नियंत्रण में सुधार और एकरूपता बनाए रखने के लिए उच्च रक्तचाप के उपचार के प्रोटोकॉल विकसित किए गए हैं। जिसका प्रशिक्षण जिले में चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, ग्रामीण चिकित्सा सहायक, स्टाफ नर्स ,और फार्मासिस्ट को क्रमशः दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तत्वधान में हो रहा है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमपी महिस्वर ने बताया कि, हाई ब्लड प्रेशर जिसे बोलचाल की भाषा में उच्च रक्त चाप भी कहते हैं। वह एक छुपे हुए शत्रु जैसा कार्य करता है । लंबे समय तक इस रोग से ग्रसित रहने और इस पर नियंत्रण ना करने से अन्य गंभीर बीमारियों की आशंका जन्म ले लेती है। उच्च रक्तचाप ब्रेन स्ट्रोक और हृदय घात अथवा हार्ट अटैक जैसी स्थितियों के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार माना जाता है।

जिले में उच्च रक्तचाप के समस्त तकनीकी पहलुओं और उपचार के संबंध में जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन से आए हुए डॉक्टर उर्विन शाह द्वारा दिया जा रहा है। आई एच सी आई कार्यक्रम के तहत स्वास्थ केंद्रों में सभी मरीजों के उच्च रक्तचाप की निशुल्क जांच के साथ-साथ उन्हें दवाई भी उपलब्ध करवाई जाती है मरीज के रिकॉर्ड संधारण हेतु उन्हें पेशेंट बीपी पासपोर्ट प्रदान किया जाता है। पंजीकृत सभी मरीजों को उनके नियमित फॉलो अप के लिए ट्रैक भी किया जाता है जिससे रोग पर नियंत्रण किया जा सके।

प्रशिक्षण में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से एनसीडी के नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार प्रेमी ने उच्च रक्तचाप की जांच तथा उपचार हेतु निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा । उन्होंने कहा कि यदि रक्तचाप को नियंत्रित कर लिया जाए तो ब्रेन स्ट्रोक जैसी अन्य गंभीर स्थिति से व्यक्ति को बचाया जा सकता है। इसमें 25 प्रतिशत वयस्क आबादी उच्च रक्तचाप से ग्रसित पाई गई है ऐसे में इस पर नियंत्रण करना अति आवश्यक है ।

एक स्वस्थ व्यक्ति का रक्त चाप 120/80 होता है। अनियमित खान -पान ,मोटापा, तनाव लेना ,अत्यधिक नशा करना,तंबाकू का सेवन, पारिवारिक इतिहास,अपर्याप्त विटामिन यह कुछ ऐसे कारण हैं जिनसे व्यक्ति रक्तचाप से ग्रसित हो सकता है। गंभीर थकान या भ्रम, घबराहट,छाती में दर्द ,सांस लेने में तकलीफ ये कुछ लक्षण हैं जो उच्च रक्तचाप की ओर संकेत करते हैं। कम से कम साल में दो बार हर व्यक्ति को अपने रक्तचाप की जांच अवश्य करवानी चाहिए और बीमारी पाए जाने की दशा में डॉक्टर के निर्देश पर दवाई का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।

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