पंचायत की अनुदान राशि में गड़बड़ी का मामला,फर्जी बिल लगाकर छुरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत फुलझर के सचिव लाखो की राशि खा गए,पंचायती राज अधिनियम व्यवस्था के विपरीत उपसरपंच के परिवार और पंच को भी किया गया भुगतान
छुरा एसडीएम ने कहा जल्द शिकायत पर नियमानुसार जांच कार्यवाही होगी,सचिव की मनमानी नियम को दिखाया ठेंगा
परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद। जिला मुख्यालय गरियाबंद अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक छुरा के ग्राम पंचायत फुलझर में ग्राम विकास के लिए शासन द्वारा प्रदत्त धन को वित्तीय वर्ष 2025- 26 में सचिव ने बिना पंचों की जानकारी व बिना प्रस्ताव के दिए गुपचुप तरीके से लाखों रुपए की राशि फर्जी बिल वाउचर से आहरण कर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने का सनसनीखेज का मामला सामने आया है।
उल्लेखनीय की पंचायत सचिव द्वारा वित्तीय वर्ष 2025- 26 में ग्राम विकास के 15 वित्त की राशि को ग्राम पंचायत के पंचों को बिना जानकारी के प्रस्ताव में लाएं भुगतान किया गया है। सचिव द्वारा शासन को कितनी आर्थिक क्षति पहुंचाया है।इसकी जानकारी न तो पंचों को है न विभाग के अधिकारी को।जो आम जनता के हित और विकास और निर्माण कार्य के लिए शासन द्वारा प्रदत किया था।वही ग्राम पंचायत फुलझर सचिव द्वारा महत्वपूर्ण योजना में डांका डालकर ये साबित कर दिया कि उन्हें किसी का डर नहीं है।बता दे कि शासन की मंशा रही है कि योजना के तहत ग्राम का विकास हो।लेकिन ग्राम पंचायत सचिव ममता साहू खुद अपना जेब गर्म करने में लगे है।जो नियम विरुद्ध सालों से एक ही जगह जमे हुए है जिस पर कारवाही होना की इंतजार में ग्रामीण कर रहे है।सचिव की भ्रष्ट नीति ने इस योजना को पूरी तरह से विफल कर दिया है और ग्राम विकास की राशि को हजम कर लिया है।जिसकी उच्च स्तरीय जांच हेतु आवेदन किया गया है।वही पूरा आवाम वैश्विक महामारी कोरोना के डर से घर में दुबका हुआ था तो इन महाशया द्वारा घोटाला करने का खेल खूब खेल रहे थे और ग्राम विकास के लिए प्राप्त राशि में जमकर बंदरबाट कर रहे थे। वित्तीय वर्ष 2020- 2021 में 1मार्च महीना में ना कोई काम और ना कोई खर्च की गई है इसका जीता जागता है उदाहरण सामने है।
गौरतलब है कि शासन की मनसा रही है कि ग्राम विकास का पैसा गांव विकास में खर्च कर योजनाओं के माध्यम से क्रियान्वयन किया जाए। परंतु ग्राम पंचायत फुलझर द्वारा प्रधानमंत्री की ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा की नीति इसके उलट चरितार्थ हो रहा है ।ग्राम पंचायत सचिव द्वारा सारे कानून कायदे व नियमों को ठेंगा दिखाते हुए एक ही महीने में एक ही दिन में लगभग कई लाख रुपये राशि को फर्जी बिल के माध्यम से डकार गए। बताना लाजिमी है कि ग्राम पंचायत के सचिव अपने भ्रष्ट नीति के व्यवहार के वजह से जाने जाते हैं और शुरू से ही भ्रष्टाचार में संलिप्त है। क्षेत्र के छूटभैया नेताओं के संरक्षण की वजह से उक्त सचिव पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार द्वारा विकास के लिए लाखों की राशि दिए गए ।लेकिन राशि में जमकर हेरा फेरी कर अपना जेब करने का प्रयास ही नहीं पूर्ण रूप से खा गए।
क्या है पंचायती राज अधिनियम
छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम की धारा 36 के तहत पंचायत के पदाधिकारी को कानून के विपरीत कार्य करना और जनता की भलाई ना करना धारा 89,89 (क) के तहत पंचायत के धन को हानि पहुंचाने धन का दुरुपयोग करने पर अयोग्य पाए जाने पर तत्काल हटाया जा सकता है। डिजिटल इंडिया से ई जिले में डिजिटल इंडिया के माध्यम से ई ग्राम स्वराज के बारे में जाना और पहचाना । जिला गरियाबंद में ब्लॉक स्तर पर पंचायती राज्य व्यवस्था के तहत पंचगणों को अब पोर्टल की प्रशिक्षण दें तब पंचायत में प्राप्त भ्रष्टाचार को रुक जाने में जिला प्रशासन के लिए अभिनव महत्वाकांक्षी साबित होगी।वही पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग ने कहा कि जल्द जांच कार्यवाही होगी।
वर्जन
मामला आपके द्वारा संज्ञान में मिल रहा है शिकायत के आधार पर जल्द ही उचित जांच कार्यवाही की जाएगी।
एसडीएम रिशा ठाकुर छुरा,जिला गरियाबंद