महासमुंद जिले के नौसिखिया ईई अजय कुमार खरे के संरक्षण में पिथौरा जल संसाधन उपसंभाग के जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार कर रहे किसान हितैषी कार्य में घटिया निर्माण और कर है रहे लाखो का घोटाला - Savdha chhattisgarh
ad inner footer

महासमुंद जिले के नौसिखिया ईई अजय कुमार खरे के संरक्षण में पिथौरा जल संसाधन उपसंभाग के जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार कर रहे किसान हितैषी कार्य में घटिया निर्माण और कर है रहे लाखो का घोटाला

स्टीमेंट के विपरीत और गुणवत्ताहीन माइनर नाली लाइनिंग का कार्य कर भ्रष्टाचार को दे रहे है अंजाम,जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि की खुली छूट,आखिर क्या है माजरा पढ़े पूरी खबर...


परमेश्वर कुमार साहू@महासमुंद/रायपुर।
सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए नहर नाली जैसे अनेकों निर्माण कार्य के लिए करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर रहे हैं ताकि किसान आसानी से अपने खेतों और फसलों तक सिंचाई के लिए पूर्ण सुविधा के साथ पानी ले जा सके। लेकिन किसानों के लिए बनाए जा रही निर्माण कार्य का क्या हश्र है?इसे देखने वाला कोई नहीं है। जिम्मेदार पर बैठे अधिकारी व कार्य एजेंसी जमीनी स्तर पर अपने कार्य को क्या ईमानदारी से निभा रहे हैं यह सवाल जलसंधान विभाग के कारनामों को देखकर लगने लगा है और सवाल इसलिए क्योंकि किसान हित के लिए बन रहे इस महत्वपूर्ण कार्य को देखने वाला कोई नहीं है जिसके कारण विभाग के अधिकारी ठेकेदार के साथ-साथ मिलीभगत कर गुणवत्ताहीन  सामग्री का इस्तेमाल कर शासन की राशि को डकारने में लगे हैं।लिहाजा सरकार के किसान हितैषी महत्वपूर्ण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। सरकार की न खाऊंगा ना खाने दूंगा की नीति जल संसाधन विभाग पिथौरा में उसकी उलट नजर आ रहा है, जिसके कारण बड़ा काम और बड़े कमीशन का खेल इन दिनों जल संसाधन उपसंभाग विभाग पिथौरा में विभाग के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर खूब खेल रहे हैं। जिसे जिले में ओहदे पद पर बैठे कार्यपालन अभियंता अजय कुमार खरे का पूर्ण संरक्षण साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। नौसिखिया जिला अधिकारी कभी जमीनी स्तर पर काम करने से गुरेज कर रहे है।नतीजन ये साफ जाहिर है जिम्मेदार अधिकारी अपने भ्रष्ट अधिकारियों सहित ठेकेदार को बचाने का प्रयास कर रहे है।

गौरतलब है कि महासमुंद  जिले के पिथौरा जल संसाधन विभाग अंतर्गत माइनर लाइनिंग सहित अनेक निर्माण और विकास कार्य के लिए करोड़ों की राशि स्वीकृत हुई है। जिसके लिए शासन द्वारा करोड रुपए की राशि स्वीकृत हुई है जिसके लिए विभाग द्वारा ठेकेदार को टेंडर के माध्यम से कार्य करवा रहे है। लेकिन जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और सब इंजीनियर की एक बड़े लापरवाही उजागर हो रही है विभाग के अधिकारी द्वारा जानबूझकर कमीशन के चक्कर में सारे नियमों को तक में रखकर घटिया   और गुणवत्ताहीन निर्माण कर रहे है।वही मनमानी इस कदर है कि ड्रेसिंग के नाम पर मुरूम के जगह मिट्टी को डाला जा रहा है। तो वही निर्माण कार्य को देखने वाला एक भी कर्मचारी निर्माण स्थल पर नहीं है कुल मिलाकर भ्रष्टाचार करने की नीयत से जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदार जानबूझकर निर्माण कार्य को लीपा पोती कर रहा है। बताना लाजिम है कि न स्लीपर से नीचे हिस्से में भी की तरह ऊपर बेस को मजबूत प्रदान करने का कार्य  है उसे स्टेटमेंट के सारे नियम के उलट बनाया जा रहा है जिसमें गुणवत्ताहीन सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में नहर लाइनिंग कार्य के मजबूती और टिकाऊ पर सवाल खड़ा कर रहा है।  निर्माण कार्य में काम करने वाले मजदूर खुद स्वीकार किया कि निर्माण कार्य में कमजोर मटेरियल का इस्तेमाल हो रहा है,उन्होंने कहा कि  हम लोग तो मजदूर आदमी जैसे ठेकेदार और एसडीओ साहब लोग बोलेंगे वैसे काम करेंगे।तो वही इसकी जांच हेतु लिखित शिकायत उच्च विभाग को हो चुका है।जब मामले पर पहले इसकी जानकारी कार्यपालन अभियंता महासमुंद को फोन के माध्यम से दिया गया तो उन्होंने कहा था कि ठीक किए आपने जानकारी दिए और जांच कार्यवाही की बात कही थी।वही जब कार्यालय जाकर विभागीय मामलों को मिलकर जानकारी देने पहुंचने पर खबर से बौखलाकर पत्रकार के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग और दुर्व्यवहार करते हुए अपने दफ्तर से बाहर जाने बोल दिया। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार अधिकारी मामले को दबाने में लगे है।

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads