व्यंग्य:नेताजी के जन्मदिन पर विशेष :-पैसा बोलता है...जी हाँ, नेताजी का तो बोलता है इसमें कोई संदेह नही..
गणेश साहू की कलम से @गरियाबंद (राजिम)।कहने को तो कोई इसे दुष्प्रचार कह सकता है लेकिन उसके लिए चमचा होने की पात्रता अनिवार्य होगी। लेकिन चूंकि यहा बात लोकतंत्र की हो रही है जिसमें जनता मालिक होता है। दुर्भाग्य से उनकी मालकियत चुनाव तक ही होती है और सेवक ना जाने कब मालिक हो जाता है किसी को कानों-कान खबर भी नही हो पाता है।
अब देखिये राजिम क्षेत्र की जनता ने तो सेवक चुना था क्यों कि एक खानदान के लोग यहां के लोगो पर अपनी मालकियत वर्षों तक जमा रखा था और कुछ चम्मच पाल रखे थे अपनी ही बिरादरी के जो हमेंशा क्षेत्र में घूम-घूम कर लोगों को यह अहसास दिलाते रहते थे कि माईबाप आयेगे और जादू की छड़ी से आपकी समस्याओं को दूर कर देगे। लेकिन जब माईबाप के आने से भी कोई समस्या अपनी जगह से टस से मस नही हुई तब लोगों ने सोचा कि शहरिया माईबाप को बदलकर गाँव के अपने बीच से किसी को माईबाप बना देते है ताकि मर्यादा भी बनी रहे और धोखा भी कम खावें। लेकिन वे ठगे तब रह गये जब से गाँव वाला यह सेवक नेताजी के खाल पहनकर घुमने लगा वही शहरी वाला। अब बताईये भाई राजिम की जनता कहा शरण ले।
व्यंग्य नही यह आज की ताजा तरीन सच्चाई है जिससे राजिम क्षेत्र की जनता का सामना नित्य हो रहा है। और जिनका जनप्रतिनिधि वसूलीबाज की भूमिका में आ चुका है। वही धंधा जो वर्षों से हो रहा था हमारे नेताजी भी बड़े गुल खिलाने में लग गए मालूम पड़ते है। सरकार के प्रत्येक अंग में बैठे अधिकारी कर्मचारी अब नेताजी के लिए वसूली के काम में प्राण-प्रण से लग गये है। किसी को भी फुरसत नहीं, जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नही। समस्या बताये नही कि वसूली शुरू। ये मोदी जी की नया गारंटी मालूम पड़ता है जो त्रिवेणी संगम से शुरू होकर चित्रोत्पला गंगा महानदी के जैसे विराटतम रूप लेते जा रहा है।
आखिर नेताजी कहा जाकर रूकेगे कहना मुश्किल है। लेकिन आज उनका जन्मदिन है इसलिए हम उन्हे बधाई प्रेषित करते है और अपनी शुभकामनाएं देते है कि वसूली के आप चैम्पियन बने। ऐसे ऐसे रिकार्ड बनाये जो आपके पूर्ववर्तीयों के लिए भी दुष्कर रहा हों। पूरा राजिम विधानसभा में लूट की जो खुली छूट मिली है उसमें नित नये कीर्तिमान आप गढ़े। आपके चमचों की जेब पर हमेशा लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे। बदलाव की इस आंधी में कोई कल्पना कर सकता है कि राजिम क्षेत्र की जनता को ना माया मिली ना राम वाली कहावत कहते और सुनते अपने दुर्भाग्य पर रोना नसीब हो जायेगा।