बीजेपी के छुटभैया नेता इमरान अली और बिटगार्ड ईशु जोशी ने प्लानिंग के तहत जंगल में कवरेज करने गए दो पत्रकारों पर करवाया जानलेवा हमला, हुआ एफआईआर, एसपी और थाना प्रभारी मामले में गंभीर - Savdha chhattisgarh
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बीजेपी के छुटभैया नेता इमरान अली और बिटगार्ड ईशु जोशी ने प्लानिंग के तहत जंगल में कवरेज करने गए दो पत्रकारों पर करवाया जानलेवा हमला, हुआ एफआईआर, एसपी और थाना प्रभारी मामले में गंभीर

 


.सोशल वीडियो में वीडियो वायरल के बाद भी किसी भी जनप्रतिनिधि,सामजिक संगठन सहित क्षेत्रीय विधायक ने नही दिखाई दरियादिली.

.पत्रकार व उसके परिवार पर मंडरा रहा है अब भी जान का खतरा, सीएम भूपेश बघेल से सुरक्षा और मदद की है गुहार.

गरियाबंद।वन परिक्षेत्र छुरा अंतर्गत 10 मई को जंगल में हुए इमारती पेड़ो की अवैध कटाई की जंगल में खबर कवरेज के दौरान हुए प्राणघातक हमला में दो पत्रकारों का जान बड़ा मुश्किल से बचा है।जिसकी शिकायत पुलिस में करने और एफआईआर दर्ज होने के बाद हमलावरों के विरुद्ध अब तक कोई ठोस कार्यवाही नही हो पाई है जिसके चलते उसके हौसले बुलंद है और लोगो के माध्यम से अब धमकी दे रहे है।जिसके चलते पत्रकार व उसके परिवार पर खतरा मंडरा रहा है।लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि,समाजसेवी व अन्य संगठन सहित क्षेत्रीय विधायक व सांसद ने इसकी सुध नहीं ली।जबकि घटना का वीडियो सोशल वीडियो में खूब वायरल हो रहा है।जिसमे साफ दिख रहा है की 30-40 लोग किस तरह जंगल में अवैध कटाई का खबर कवरेज करने गए दो पत्रकारों पर ताबड़तोड़ हमला व मारपीट कर प्राणघातक प्रहार कर रहे है।हालांकि पुलिस इस मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना कर रहे है ।लेकिन फिर भी पत्रकारो खतरे का बादल अब भी मंडरा रहा है।

बता दे की इस हमले का मास्टरमाइंड कथित बीजेपी के छुटभैया नेता इमरान अली और वन विभाग के जिम्मेदार बिटगार्ड  इशु जोशी है जो आसामाजिक तत्वों और लकड़ी तस्करों का सहारा लेकर पत्रकारों पर अमानवीय और कायरता पूर्ण हमला करवाया था।जिसमे दोनो पत्रकार को गंभीर चोट आया था।किसी भी तरह से जान बचाकर थाना पहुंचकर लिखित शिकायत कर कानून से मदद लिया था और इसकी जानकारी एसपी गरियाबंद को देने पर तत्काल संज्ञान में लेकर एफआईआर के निर्देश छुरा थाना प्रभारी भूषण चंद्राकर को दिए थे।जिसमें थाना प्रभारी छुरा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रातों रात पत्रकारों का बयान लेकर इमरान अली और 5 से अधिक व्यक्तियों के ऊपर एफआईआर दर्ज कर विवेचना में लिया और लगातार जांच तो जरूर कर रहे है लेकिन इतने बड़े गंभीर मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी न होना एक बड़ा विडबनीय है।

उक्त कथित बीजेपी के छुटभैयां नेता इमरान अली  छुरा क्षेत्र में गुंडागर्दी करते आ रहा है जो किसी से नहीं छुपा है जो चरौदा क्षेत्र उसके गुंडागर्दी का हब बन चुका है।जिसके चलते , पत्रकार व उसके परिवार पर मंडरा  बड़ा खतरा मंडरा रहा है।आपको बता दे की पत्रकारों के ऊपर हमला करने का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड इमरान अली है जो बीजेपी से है और चरौदा क्षेत्र का रहने वाला है।जिसकी गुंडागर्दी के किस्से आए दिन सुनने को और वे अपने कारनामों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते है।चूंकि ये क्षेत्र जिले का बॉर्डर इलाका है और महासमुंद जिले के सीमा से जुड़ा हुआ है।जिसके वजह से बिटगॉर्ड इशु जोशी अपने डिप्टी रेंजर मोहन यदु के साथ उक्त छुटभैया नेता के माध्यम से लकड़ी का तस्करी करवाता है और जिले के बाहर इमारती लकड़ियो की तस्करी होती है।जिसके चलते सबको बराबर कमीशन मिल जाता है।या यू कहे की वन अमला छुटभईया नेता के साथ सांठ गांठकर जंगल को बेच खा रहे है।जिसके चलते बहुमूल्य प्रजाति के पेड़ बीजा की अवैध कटाई का खबर कवरेज करने पर बौखलाहट में असामाजिक तत्वों और लकड़ी तस्करों को बुलाकर जानलेवा हमला करवाया था।

पत्रकार व उसके परिवार पर मंडरा रहा है जान का खतरा, सीएम से मांग रहे है अब मदद की गुहार

आपको बता दे की पत्रकार परमेश्वर साहू और शहरयार खान के ऊपर हमला के बाद हमलावर चुप नहीं बैठे है।क्योंकि इनको राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और अपना बचाव करने तरह तरह के ऐंडी चोंटी का पावर दिखा रहे है।जिसके चलते लोगो के पास बोल रहे है की अगर उन्होंने थाने से केस वापस नहीं लिया तो उसको व उसके परिवार को निपटा देंगे।क्योंकि हमलावर गुंडा किस्म के व्यक्ति है।जिसके चलते पत्रकार व उसके परिवार पर खतरा मंडराने लगा है।जिसके चलते अब मदद की गुहार व सुरक्षा प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल से मांग रहे है।

सीएम भूपेश बघेल से मदद की और न्याय की गुहार

हमारी भी सुन लो प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल जी,पत्रकार है हमे बेरहमी से मारपीटा गया जान से मारने की कोशिश की गई। लेकिन आरोपी खुला घूम रहा है,क्या यही ही है आपका पत्रकार सुरक्षा कानून,परिवार पर हमले और धमकी के डर में रात भर जग रहा है , कन्हा है  आपका कानून व्यवस्था,क्या निर्भिर्क और शहीद पत्रकार उमेश राजपूत की तरह हमारा भी मर्डर होगा?गरियाबंद जिला पत्रकारों के लिए खतरे का गढ़ बन गया है। जहा मामलों पर खबर कवरेज करने पर केवल धमकी देखने को मिलता है।वास्तविक पत्रकारिता जिले में आज के इस दौर में बडा मुश्किल हो चला है।इतने बड़े घटने के बाद भी किसी भी जनप्रतिनिधि सहित सामाजिक संगठनों ने घटना की हकीकत जानना और संवेदना व्यक्त करना भी उचित नही समझा और सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो को केवल शेयर करने में लगे है।खासकर वही लोग शेयर कर रहे है।जिसके कारनामों को इन पत्रकारों द्वारा हमेशा उजागर कर जनता के सामने लाया था।

खबर छापने पर लगाते है केवल वसूली का आरोप

आज पत्रकारिता का ग्राफ लगातार इस तरह गिरने लगा है।जैसे एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देता है।वास्तविक पत्रकारिता करने और मामला को उजागर करने वाले पत्रकारों के ऊपर हमेशा एक आरोप लगाया जाता है।अगर कोई खबर कवरेज करे या फिर किसी से विज्ञापन  के बारे में बात करे या फिर विज्ञापन लगने पर राशि की मांग करे तो केवल वसूली या ब्लैकमेलिंग का आरोप पत्रकारों के ऊपर मढ़ा जाता है।बता दे की पत्रकार लोक तंत्र का चौथा आधार स्तंभ है अगर ये न होते तो अपराध,लूटपाट,भ्रष्टाचार जैसे घटना बढ़ जाती और लोगो की समस्या शासन तक नही पहुंच पाता।लेकिन आज के मुश्किल दौर में सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भी पत्रकार अपने व अपने परिवार को खतरे में डालकर समाज हित में कार्य कर लोकतंत्र की रक्षा के लिए बखूबी काम कर रहे है।पर दुर्भाग्य पूर्ण है की उसे हमले का शिकार होना पड़ रहा है।जिसे प्रशासन सुरक्षा देने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।

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