बागबाहरा तहसील के धरमपुर गांव में हरे भरे पेड़ो पर आफत बनकर जेसीबी और आरा मशीन बरपा रहा है कहर,फलदार वृक्ष सहित इमारती पेड़ो को किया जा रहा है धराशयी,हजारों हरे-भरे पेड़ो की बेदम कटाई,पहुंच और पावर के सामने कानून हो रहा है नतमस्तक - Savdha chhattisgarh
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बागबाहरा तहसील के धरमपुर गांव में हरे भरे पेड़ो पर आफत बनकर जेसीबी और आरा मशीन बरपा रहा है कहर,फलदार वृक्ष सहित इमारती पेड़ो को किया जा रहा है धराशयी,हजारों हरे-भरे पेड़ो की बेदम कटाई,पहुंच और पावर के सामने कानून हो रहा है नतमस्तक

 


महासमुंद@ 
महासमुंद जिले में कानून व्यवस्था चरमरा सा गया है। जहा राजनीतिक क्षेत्र में अपना दबदबा रखने और पहुंच रखने वाले रसूखदार कानून को अपना जागीर समझने लगा है।जिसके चलते ओहदे पदो पर बैठे अधिकारी भी पूर्ण रूप से विवश होकर कानून और सारे नियम को तार तार करने वालो को केवल मूकदर्शक बनकर देखने के आलावा कुछ नही कर सकते है।मानो इसका हाथ बांध दिया गया हो।साफ शब्दों में अगर कहा जाए तो महासमुंद जिले में कानून और प्रशासन की नही पावर फूल लोगो का कानून चलता है और वही लोग अवैध कामों में संलिप्त होने के साथ साथ सारे नियमो की धज्जियां उड़ा रहे है।ऐसा नहीं की इसकी जानकारी जनप्रतिनिधि सहित उच्च विभाग को न हो।लेकिन जिले में जो गतिविधि हो रही है उसको रोकने जिम्मेदार अधिकारी बेबस और लाचार नजर आ रहे है।रायपुर संभाग का ये पहला ऐसा जिला है जंहा अनेक अवैध गतिविधि संचालित हो रहा है।जिससे भूपेश सरकार की छवि भी धूमिल होने के साथ साथ ईमानदार कार्यकर्ता सहित प्रशासनिक अधिकारियों पर उंगली उठ रहा है।

जिला अंतर्गत बागबाहरा के अंतिम छोर में स्थित ग्राम पंचायत धरमपुर में तमोरा जाने के मार्ग पर लगभग दस एकड़ की जमीन में स्थित बड़े बड़े हरे भरे पेड़ पौधों को जेसीबी से धराशाई कर किया जा रहा है।जिसमे फलदार वृक्ष के साथ साथ इमारती लकड़ी भी शामिल है।बड़े पैमाने पर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने नियम को दरकिनार कर पेड़ो की बलि चढ़ाई जा रही है।हजारों की संख्या में पेड़ पौधों जमीन पर गिरा पड़ा है और जेसीबी से पेड़ो को नेस्तनाबूत करने का कार्य लगातार जारी है।जिस तरह से इत्र तित्र जमीन पर पेड़ बिखरा पड़ा है उसको देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।लेकिन पर्यावरण को असंतुलित करने वाले को इन हरे भरे पेड़ो पर कोई रहम नहीं है।जब मीडिया की टीम  मौके पर पहुंचा तो जेसीबी से पेड़ो को जड़ से उखाड़ने के कार्य में बेखौफ लगा हुआ था और आरा मशीन से पेड़ो की बेदम कटाई कर टुकड़े टुकड़े करने में लगे थे।जब वहा मौजूद मजदूरों से जानकारी लिया गया तो उन्होंने बताया की इस जमीन का मालिक कौन है उसे हम नही जानते।महासमुंद के किसी चंद्राकर के द्वारा कार्य में आए है और मजदूर सिरपुर स्थित ग्राम पीढ़ी का होना बताया।लेकिन उन्होंने मोबाइल नंबर भी देने से मना कर दिया।जिसके वजह से ये जानकारी नहीं मिल पाया की वो जमीन किसकी है और पेड़ो उखाड़ने का काम कौन करवा रहा है।मौके से तहसीलदार को जानकारी देने फोन किया गया तो उन्होंने फोन नही उठाया।फिर इसकी जानकारी देने अपर कलेक्टर को फोन करने किसी कार्य को लेकर हाई कोर्ट में होने की बात कही और इसकी जानकारी एसडीएम को देने की बात कही।मामले की जानकारी देने बागबाहरा एसडीएम श्रवण कुमार टंडन को फोन करने पर मौके पर अपने स्टाफ को भेजकर जांच करवाने की बात कही।हालंकि पटवारी से संपर्क तो नही हो पाया।लेकिन जानकारी के मुताबिक पटवारी मौके पर पहुंचे थे।अब सवाल ये है की इतनी आसानी से और हरे भरे पेड़ो को खुलेआम जो नेस्तनाबूत करने का जो काम कर रहा है।उसे किसी भी नियम,कानून का डर नही है।जिसके वजह से बेरोकटोक पर्यावरण को क्षति पहुंचाने का कार्य चल रहा है।

वर्जन

पंचायत द्वारा किसी भी प्रकार से एनओसी नही दिया गया है।पेड़ पौधों की कटाई के संबंध में मुझे जानकारी नहीं है।पता करवाती हु।

कामिनी चंद्राकर,सरपंच ग्राम पंचायत धरमपुर

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