वन परिक्षेत्र पाण्डुका अन्तर्गत राज्य कैंपा योजनांतर्गत वन मितान प्रशिक्षण सह जागरूकता शिविर जागृति कार्यक्रम का आयोजन, विद्यार्थियो को जंगल भ्रमण कराकर वनों के बारे में दी गई विस्तृत जानकारी,भावी पीढ़ी को वनों के संरक्षण और संवर्धन की जानकारी देकर विभाग कर रहा बेहतरीन पहल - Savdha chhattisgarh
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वन परिक्षेत्र पाण्डुका अन्तर्गत राज्य कैंपा योजनांतर्गत वन मितान प्रशिक्षण सह जागरूकता शिविर जागृति कार्यक्रम का आयोजन, विद्यार्थियो को जंगल भ्रमण कराकर वनों के बारे में दी गई विस्तृत जानकारी,भावी पीढ़ी को वनों के संरक्षण और संवर्धन की जानकारी देकर विभाग कर रहा बेहतरीन पहल

 


परमेश्वर कुमार साहू @गरियाबंद।वन परिक्षेत्र पाण्डुका में छत्तीसगढ़ राज्य कैम्पा योजनांतर्गत वन मितान प्रशिक्षण सह जागरूकता शिविर "जागृति" कार्यक्रम के प्रथम कैम्प का आयोजन गुरुवार को किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लक्ष्मी साहू जिला पंचायत सदस्य राज्य कैम्पा सदस्य; विशेष अतिथि रजनी सतीश चौरे जनपद पंचायत सदस्य सभापति वन स्थायी समिति छुरा, बुलाकी साहू उप सरपंच पोंड़, मेवाराम साहू अध्यक्ष संयुक्त वन प्रबंधन समिति कुकदा उपस्थित रहे. कार्यक्रम में पाण्डुका और सरकड़ा के विद्यार्थियों ने भाग लिया. कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र में माल्यार्पण कर और बच्चों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य गीत गा कर किया गया. वन परिक्षेत्र अधिकारी  तरुण तिवारी ने कार्यक्रम की भूमिका और उद्देश्य से अवगत कराया और अतिथियों का पौधा भेंट कर स्वागत किया.

मुख्य अतिथि लक्ष्मी साहू ने छात्र छात्राओं को वन मितान के रूप में परिभाषित करते हुए फलदार पौधों के रोपण के लिए बच्चों को प्रेरित किया जिससे वन्यप्राणियों को भोजन की उपलब्धता के साथ ग्रामीणों को भी फल एवं लघु वनोपज की प्राप्ति होगी. साथ ही उन्होंने गाँव के तालाबों एवं आसपास बहने वाले नालों और नदियों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रेरित किया. 

विशेष अतिथि  रजनी चौरे ने वनों के दैनिक जीवन में महत्व, वन संरक्षण एवं वनों पर निर्भरता, लघु वनोपज से ग्रामीणों को अर्थिक लाभ एवं जीवन स्तर में सुधार आदि विषयों पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को वन संरक्षण एवं वृक्षारोपण की शपथ दिलाई. 


विद्यार्थियों को वन भ्रमण के लिए ऑक्सीवन वृक्षारोपण ले जाया गया जहाँ विभिन्न प्रजाति के पेड़ पौधों नीम, जामुन, बेर, हर्रा, बहेड़ा, आंवला, पीपल, बरगद, मीठी तुलसी, शतावर, बज्रदंती आदि के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया. भारत में पाए जाने वाले सर्प की प्रजातियों, खाद्य श्रृंखला, जल चक्र, मृदा जल संरक्षण, जंगली हाथियों या वन्यप्राणियों से बचाव के उपाय, उनके रहवास एवं सुरक्षा के विषय में विस्तार से बताया गया. अंत में विद्यार्थियों ने वन एवं प्रकृति के विषय में अपने विचार व्यक्त किए एवं वन संबंधित प्रश्नोत्तरी का आयोजन कर पुरुस्कार वितरण किया गया. 

उप वनक्षेत्रपाल  साखाराम नवरंगे ने मंच संचालन किया और विभिन्न वृक्षों का औषधीय महत्व बताया. कार्यक्रम में  वीरेंद्र ध्रुव उप वनक्षेत्रपाल, ललित साहू वनरक्षक , राहुल श्रीवास वनरक्षक ,  लोकेश श्रीवास वनरक्षक ,  बनारसी लाल जांगड़े वनरक्षक एवं पाण्डुका परिक्षेत्र के समस्त स्टाफ का सक्रिय सहयोग एवं शिक्षा विभाग से विकासखंड शिक्षा अधिकारी  के. एल. मतावले एवं श्री वाई. आर. साहू संकुल प्रभारी पाण्डुका तथा शिक्षकों का विशेष योगदान रहा.

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