फिंगेश्वर ब्लॉक के धान खरीदी केंद्र बासीन में किसानों से हो रही है लूटमार,डिजिटल इलेक्ट्रानिक कांटा में शासन द्वारा निर्धारित वजन से अधिक तौल कर अन्नदाताओं को लगाया जा रहा है चुना,प्रति बोरी 41 किलो से अधिक वजन कर अपना जेब गर्म करने में लगे है जिम्मेदार - Savdha chhattisgarh
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फिंगेश्वर ब्लॉक के धान खरीदी केंद्र बासीन में किसानों से हो रही है लूटमार,डिजिटल इलेक्ट्रानिक कांटा में शासन द्वारा निर्धारित वजन से अधिक तौल कर अन्नदाताओं को लगाया जा रहा है चुना,प्रति बोरी 41 किलो से अधिक वजन कर अपना जेब गर्म करने में लगे है जिम्मेदार


परमेश्वर कुमार साहू @गरियाबंद
।गरियाबंद जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में जमकर अनियमितता बरतते हुए किसानों को चुना लगाने का खेल जमकर चल रहा है।लेकिन किसानों के साथ चल रहे इस गतिविधि को देखने वाला कोई नही है।वही मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदार अधिकारी केवल दफ्तर में बैठकर कागजी रिपोर्टिंग शासन और उच्च विभाग को भेजने में लगे है। ज़िम्मेदारो के सह पर किसानों को लूटने और जेब भरने का का खुला खेल जमकर चल रहा है।

गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम बासीन के धान खरीदी केंद्र में डिजिटल इलेक्ट्रानिक कांटा से किसानों की धान की बोरियों को शासन द्वारा निर्धारित तौल से अधिक तौल करने का मामला सामने आया है।जिसकी शिकायत क्षेत्र के किसानों से लगातार मिल रही थी।जिसको पड़ताल करने जब मीडिया की टीम पहुंचा तो किसानों की शिकायत सही पाया गया।उक्त धान खरीदी केंद्र में सभी किसानों से निर्धारित तौल से अधिक तौल कर अन्नदाताओं को लूटने का खेल इस धान खरीदी केंद्र में ज़िम्मेदारो की सह पर खुले तौर पर देखने को मिला। जंहा शासन द्वारा प्रति धान की बोरी 40किलो 700 ग्राम निर्धारित है वहा प्रत्येक किसानों से 41 किलो से अधिक तौल कर किसानों से प्रति बोरी 500 ग्राम से अतिरिक्त वजन कर जिम्मेदार अपना जेब गर्म करने में लगे है।मीडिया की टीम द्वारा दो दर्जनों से अधिक बोरियों का वजन कराया गया जिसका तौल पहले से हो चुका था।जो 41 किलो से अधिक वजन आया।जिसमे किसानों ने भी जमकर नाराजगी जाहिर किया और पुनः वजन कराने की मांग किया।जब जिम्मेदार समिति प्रबंधक दिनेश चंद्राकर को जब इस मामले में सवाल किया गया तो गोल मोल जवाब देने लगे।वही धान खरीदी केंद्र में स्टेक निर्माण में भी ज़िम्मेदारो द्वारा बड़ी लापरवाही की गई है। धान की बोरियों को सुरक्षित रखने की किसी भी प्रकार से डेनेज स्टेक निर्माण नही किया गया है।जिससे अगर मौसम खराब होती है या फिर बारिश होता है तो धान की बोरिया खराब हो सकता है।इसके बावजूद भी मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं।नोडल अधिकारी केवल ऑफिस में बैठकर कागजी कार्यवाही तक सीमित है। दिलचस्प बात ये है की जो अधिकारी इस धान खरीदी केंद्र में नोडल अधिकारी है उसका बंद मोबाइल नंबर केंद्र में चस्पा है।जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है की कोई भी जि़म्मेदार शासन के महत्वपूर्ण कार्यों के प्रति गंभीर नही है।



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