जल संसाधन विभाग छुरा में नहर लाइनिंग के नाम पर चल रहा है कमीशन का खेल,साल भर नही हुआ और अभी से ही पड़ने लगी है जगह जगह दरारें,निर्माण कार्य चढ़ रहा है भ्रष्टाचार की भेंट - Savdha chhattisgarh
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जल संसाधन विभाग छुरा में नहर लाइनिंग के नाम पर चल रहा है कमीशन का खेल,साल भर नही हुआ और अभी से ही पड़ने लगी है जगह जगह दरारें,निर्माण कार्य चढ़ रहा है भ्रष्टाचार की भेंट

 


संध्या सेन@छुरा। जल संसाधन विभाग छुरा अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों में ठेकेदार विभागीय अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर जमकर अनियमितता बरत रहे है।किसान हितैसी कार्य में लापरवाही का आलम इस कदर है की लाइनिंग का कार्य हुए साल भर भी नही हुआ और अभी से हर एक एक फीट में बड़ी बड़ी दरार दिखाई देने लगा है।जगह जगह टूटा फूटा  स्ट्रेकचर और निर्माण कार्य जिम्मेदार अधिकारियों की पोल खोल रहा है जो इस महत्वपूर्ण निर्माण कार्य में विभागीय अधिकारियो की भ्रष्टाचार और कमीशन की खुलेआम पोल खोल रहा है।

मामला गरियाबंद जिले के जल संसाधन विभाग छुरा का है। जहा किसानों की प्रमुख मांग पर किसानों को खेती के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने टेंगनाही बांध से सिद्ध बाबा पिपराही तक माइनर नाली में लाइनिंग कार्य के लिए लाखो करोड़ों की राशि स्वीकृत किए थे।लेकिन उक्त कार्य  ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है।इस मामले को लेकर जब पड़ताल किया गया तो एक बड़ी लापरवाही सामने आया। जंहा अभी इस नहर लाइनिंग कार्य को साल भर भी नही हुआ और जगह जगह अभी से टूटने लगा है।ठेकेदार द्वारा विभाग के साथ सांठ गांठ कर ऐसा निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया।जिसमे गुणवत्ता को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है।स्टिमेंट के सारे नियमो को ताक में रखकर घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया है।ताकि ज्यादा से ज्यादा भ्रष्टाचार किया जा सके और कमीशन लिया जा सके।शासन की किसान हितैसी महत्वपूर्ण कार्य में कमीशन के चक्कर में अधिकारी ठेकेदार को खुला संरक्षण दे रहे है और अपना कर्तव्य पूर्ण रूप से भुलाकर भ्रष्टाचार को खुला तौर पर अंजाम दे रहे है।

इस मामले को लेकर छुरा जल संसाधन विभाग के एसडीओ को उनका पक्ष जानने फोन किया गया।जिस पर उन्होंने उक्त मामले में ठेकेदार को तीन साल तक गारंटी अवधि में रिपेयर का काम करने और स्टिमेंट के विपरित कार्य करने पर राशि काटने की बात करते हुए बेहतर कार्य करने की बात कही।लेकिन सवाल ये की क्या पहले गुणवत्ताहीन काम करो,जो साल भर से पहले टूट फूट जाए,फिर उसे रिपेयरिंग करो।यही खेल इस विभाग में खूब खेल कर शासन को करोड़ो चुना लगाने का खेल और योजना को पलीता लगाने का गोरखधंधा जोरो से फल फूल रहा है।

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