पंचायत की अनुदान राशि में गड़बड़ी का मामला,फर्जी बिल लगाकर ग्राम पंचायत सांकरा के सचिव ख़ेमन साहू ,फुलझर ममता साहू और कुरूद के सचिव गीतेश्वरी साहू ने लाखो की राशि खा गए,जल्द होगी बड़ी कार्यवाही उच्च विभाग को हुआ है शिकायत - Savdha chhattisgarh
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पंचायत की अनुदान राशि में गड़बड़ी का मामला,फर्जी बिल लगाकर ग्राम पंचायत सांकरा के सचिव ख़ेमन साहू ,फुलझर ममता साहू और कुरूद के सचिव गीतेश्वरी साहू ने लाखो की राशि खा गए,जल्द होगी बड़ी कार्यवाही उच्च विभाग को हुआ है शिकायत

 


परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद। जिला मुख्यालय गरियाबंद अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक छुरा ग्राम पंचायत सांकरा,फुलझर और कुरूद में  ग्राम विकास के लिए शासन द्वारा प्रदत्त धन को वित्तीय वर्ष 2019-20 के मार्च महीना में सरपंच सचिव में बिना पंचों की जानकारी व बिना प्रस्ताव के दिए गुपचुप तरीके से लाखों रुपए की राशि फर्जी बिल वाउचर से आहरण कर शासन को आर्थिक स्थिति पहुंचाने का सनसनीखेज का मामला सामने आया है।

उल्लेखनीय की ग्राम प्रधान द्वारा वर्ष 2019-20 मार्च महीना में ग्राम विकास के 14 वित्त की राशि फिर 15 वे वित्त की राशि को ग्राम पंचायत के पंचों को बिना जानकारी के प्रस्ताव में लाएं भुगतान किया गया है। सरपंच सचिव द्वारा शासन को कितनी आर्थिक क्षति पहुंचाया है।जो आम जनता के हित और विकास और निर्माण कार्य के लिए शासन द्वारा प्रदत किया था।वही ग्राम पंचायत सांकरा सरपंच सचिव द्वारा रीपा योजना जैसे महत्वपूर्ण योजना में डांका डालकर ये साबित कर दिया कि उन्हें किसी का डर नहीं है।बता दे कि रीपा योजना के तहत महिला सशक्तिकरण और क्षेत्र के लोगों रोजगार देने की मंशा से शासन द्वारा दो करोड़ की राशि स्वीकृत किए थे।लेकिन गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य और जिम्मेदारों की भ्रष्ट नीति ने इस योजना को पूरी तरह से विफल कर दिया है।वही ग्राम पंचायत कुरूद के सरपंच सचिव द्वारा भी ग्राम विकास की राशि को हजम कर लिया है।जिसकी उच्च स्तरीय जांच हेतु आवेदन किया गया है।वही पूरा आवाम वैश्विक महामारी कोरोना के डर से घर में दुबका हुआ था तो इन महाशय घोटाला करने का खेल खूब खेल रहे थे और ग्राम विकास के लिए प्राप्त राशि में जमकर बंदरबाट कर रहे थे।मार्च महीना में ना कोई काम और ना कोई खर्च की गई है इसका जीता जागता है उदाहरण सामने है।वही बता दे कि ग्राम पंचायत फुलझर के सचिव द्वारा पंचायती राज अधिनियम के विपरीत कार्य करते हुए भ्रष्टाचार करने और लाभ कमाने के चक्कर में जनप्रतिनिधि के परिवार के नाम से भुगतान किया है।जिसका संपूर्ण दस्तावेज मीडिया के हाथ लगा है।

गौरतलब है कि शासन की मनसा रही है कि ग्राम विकास का पैसा गांव विकास में खर्च कर योजनाओं के माध्यम से क्रियान्वयन किया जाए। परंतु ग्राम पंचायत सांकरा ,फुलझर और कुरूद द्वारा प्रधानमंत्री की ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा की नीति इसके उलट चरितार्थ हो रहा है ।ग्राम पंचायत सांकरा और कुरूद के सरपंच द्वारा सारे कानून कायदे व नियमों को ठेंगा दिखाते हुए एक ही महीने में एक ही दिन में लगभग कई लाख रुपये राशि को फर्जी बिल के माध्यम से डकार गए। बताना लाजिमी है कि ग्राम पंचायत सांकरा और कुरूद के सरपंच सचिव अपने भ्रष्ट नीति के व्यवहार के वजह से जाने जाते हैं और शुरू से ही भ्रष्टाचार में संलिप्त है। क्षेत्र के छूटभैया  नेताओं के संरक्षण की वजह से उक्त सरपंच सचिव पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार द्वारा विकास के लिए राशि के दिए गए राशि में जमकर हेरा फेरी कर अपना जेब करने का प्रयास ही नहीं पूर्ण रूप से खा गए है  

क्या है पंचायती राज अधिनियम 

छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम की धारा 36 के तहत पंचायत के पदाधिकारी को कानून के विपरीत कार्य करना और जनता की भलाई ना करना धारा 89,89 (क) के तहत पंचायत के धन को हानि पहुंचाने धन का दुरुपयोग करने पर अयोग्य पाए जाने पर तत्काल हटाया जा सकता है। डिजिटल इंडिया से ई  जिले में डिजिटल इंडिया के माध्यम से ई ग्राम स्वराज के बारे में जाना और पहचाना । जिला गरियाबंद में ब्लॉक स्तर पर पंचायती राज्य व्यवस्था के तहत पंचगणों को अब पोर्टल की प्रशिक्षण दें तब पंचायत में प्राप्त भ्रष्टाचार को रुक जाने में जिला प्रशासन के लिए अभिनव महत्वाकांक्षी साबित होगी।वही पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग ने कहा कि जल्द जांच कार्यवाही होगी।

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