फिंगेश्वर के नौसिखिया थाना प्रभारी खाकी का कर रहे है दुरुपयोग दिखा रहे आम जनता को रौब,पत्रकार को अपशब्द भाषा में बोला कि तेरा आगे डाले कि पीछे,देर रात तक जबरदस्ती बिठाकर रखा
.प्रार्थी बनकर गए पत्रकार पर उल्टा कार्यवाही की धमकी, आखिर क्या नेता के इशारे पर....
परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।एक तरफ सरकार पत्रकार सुरक्षा की बात करते नहीं थकते,तो दूसरी ओर सुशासन तिहार का ढोंग रचने में छत्तीसगढ़ शासन महारत हासिल कर चुके है।लेकिन किसी भी प्रकार से प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाम लगाने में बेबस नजर आ रहे है। संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा समानता का अधिकार के लिए कानून पारित किया गया था।लेकिन कानून का धरातल पर किसी भी प्रकार से नियम का पालन होता नजर नहीं आ रहा है ।आज भी अंग्रेज जमाने का कानून पुलिस स्टेशन में लागू है जहां देश के चौथे स्तंभ कहलाने वाले पत्रकार के ऊपर ही उलटा कार्यवाही की जा रही है।जिसमे भ्रष्ट नेताओं की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
बता दे कि गरियाबंद जिला के फिंगेश्वर ब्लॉक के सरार में करोड़ों की राशि सौंदर्यकरण हेतु राशि स्वीकृत हुई थी लेकिन उक्त कार्य समय अवधि में न तो पूर्ण हुआ बल्कि पुराने स्ट्रक्चर पर पुराने काम को भ्रष्टाचार करने अधिकारी और इंजीनियर द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ सांठ गाँठ कर करोड़ों का कमीशन का खेल खेला जा रहा है। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि की मिलीभगत से इंकार नहीं की जा सकती है। मामले को लेकर जब नगर पंचायत अध्यक्ष से जब बात की गई तो उन्होंने इस मामले पर जानकारी नहीं होने की बात कही और कहा कि पांच साल पुराना काम है। वही उन्होंने ये भी कहा कि मैं नाम मात्र का अध्यक्ष हूं सारा कारोबार उपाध्यक्ष दीपक श्रीवास संभालते हैं कहा। जब इस मामले को लेकर दीपक श्रीवास्तव से बात की गई और मामले की जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने मीडियाकर्मी को धमकी भरे लब्ज में कहा कि तेरी मां बहन एक कर दूंगा और मां-बाप करते हुए वह मीडिया कर्मी के पत्नी और उसके बच्चे को गाली देते हुए धमकी दे दिए और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किए। जिसकी जानकारी तत्काल गरियाबंद एसपी को मोबाइल के माध्यम देने पर उन्होंने संबंधित थाना में लिखित शिकायत कर आवेदन की कापी व्हाट्सएप करने की बात कही।जब थाने में उक्त उपाध्यक्ष के खिलाफ शिकायत करने जब मीडिया कर्मी पहुंचे तो पुलिस प्रशासन द्वारा उनके साथ सेटिंग के माध्यम से उल्टे ही पत्रकार को बिठाकर घंटे बिठा रखे, इतना ही नहीं थाना के प्रभारी द्वारा कहा की तेरा वह डाल दूंगा की कभी निकल नहीं पाओगे आखिर क्या डालेंगे यह समझ से पड़े हैं लेकिन पुलिस द्वारा उन चीजों को याद दिला दी गई जब गरियाबंद जिले के वरिष्ठ पत्रकार और एक निर्भीक पत्रकार उमेश राजपूत हत्या की याद दिला दी गई है ।आखिर क्या पुलिस जो है अंग्रेज जमाने की पुलिस है या फिर जनता का सहयोग करने में आज पुलिस साथ छोड़कर केवल खाकी वर्दी का रौब दिखाकर उसका दुरुपयोग कर रहे है। जिसके वजह से जनता का पुलिस प्रशासन और शासन से भरोसा उठ रहा है। नौसिख्या थाना प्रभारी द्वारा ना तो संबंधित के खिलाफ तत्काल कार्यवाही नहीं की गई न तो नियम का खुद पालन कर रहे है न करवा रहे है।और न ही नियम के तहत ना किसी प्रकार से प्रार्थी को पावती नहीं दी गई है उक्त मामले में पुलिस महानिरीक्षक रायपुर और पुलिस महानिदेशक को शिकायत की तैयारी है और जल्द ही संबंधित थाना प्रभारी के खिलाफ शिकायत जल्द होगी।जल्द ही मामले पर और खुलासा करेंगे और सूचना के अधिकार के तहत थाना का सीसी फुटेज लेंगे।