प्रतिबंध का कोई असर नहीं:गरियाबंद रेंज में विभाग की मिलीभगत से भेड़ बकरी कर रहे है जंगल को खत्म, बारूका सर्कल बना राजस्थानी हजारों भेड़ बकरियां का चारागाह,नियमो का पालन कराने में विभाग हो रहा है पूरी तरह फेल,भेड़ बकरी के संचालक रामनिवास हो गए है गरियाबंद के जंगल को खत्म करने पर उतारू,आखिर किसका संरक्षण,पढ़े पूरी खबर
परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद।जंगल की सुरक्षा की जिसको अहम जिम्मेदारी है वही जंगल को नेस्तनाबूत करने वाले को संरक्षण देकर जंगल के रक्षक भक्षक बन बैठे है।जिसके चलते हरे भरे जंगलों का उजाड़ लगातार जारी है।हालांकि नवपदस्थ डीएफओ साहब गरियाबंद की जंगल की सुरक्षा के प्रति सजग तो जरूर है।लेकिन नीचे स्तर के अधिकारी कर्मचारी जंगलों को जानबूझकर उजाड़ करने में लगे है।
इन दिनों गरियाबंद वन परिक्षेत्र में राजस्थानी भेड़ बकरियां इस क्षेत्र के जंगल में चारागाह का अड्डा बन गया है। जहा गाहंदर,भेजराडीह, हरदी, कासरबाय, घुटकुनवापारा भेड़ बकरियां चराने का क्षेत्र बन गया है। जहा हजारों भेड़ बकरी जंगल में वन विभाग के सारे नियमो के विपरीत चराई कर रहे है।जिसको रामनिवास नाम का भेड़ बकरी का संचालक अंजाम दे रहे है।जिस पर प्रतिबंध लगाने वन अमला पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।या यू कहे की विभाग की सरपरस्ती पर ही राजिस्थानी भेड़ बकरी जंगल को खत्म करने पर उतारू हो गए है।ऐसा नहीं की इसकी जानकारी विभाग ज़िम्मेदार अधिकारियों को न हो?सब जानकर अनजान बैठे है और जंगल उजाड़ करने का सबको कमीशन जा रहा है।वही भेड़ बकरी के संचालक रामनिवास की दादागिरी खुलेआम देखने को मिल रहा है।चोरी और सीना जोरी रामनिवास का आसानी से देखने से को मिल सकता है।जब मीडिया द्वारा उक्त संचालक से सवाल किया गया तो उल्टे ही पत्रकारों को पत्रकारिता सिखाने की नसीहत देने लगे और धौंस दिखाने लगे।आखिर इतना धौंस और संरक्षण किसका है ये समझ से परे है।लेकिन इतना तो साफ जाहिर है की विभाग के साथ साथ किसी न किसी ओहदे और पावर फूल व्यक्ति सह जरूर दिख रहा है।वही मामले को लेकर खबर कवरेज करने गए पत्रकारों को खबर न छापने और न शिकायत करने का प्रलोभन देने से भेड़ बकरी के संचालक रामनिवास बाज नही आए।वही इस मामले में गरियाबंद रेंजर पुस्पेंद्र साहू ने कहा की लोकेशन पता करवाकर स्टाफ को भेजने की बात कही।