आजादी के दशकों बाद भी नहीं हो पाया राजिम से छुरा मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण,कई सांसद,विधायक और कलेक्टर बदल गए लेकिन जनता की मांग नहीं हो पाई पूरी, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा को भी जोड़ता है ये मार्ग - Savdha chhattisgarh
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आजादी के दशकों बाद भी नहीं हो पाया राजिम से छुरा मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण,कई सांसद,विधायक और कलेक्टर बदल गए लेकिन जनता की मांग नहीं हो पाई पूरी, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा को भी जोड़ता है ये मार्ग

 जर्जर सड़क दे रहा है मौत को आमंत्रण ,20 साल से मिल रहा आश्वासन का गुलदस्ता,नेता केवल कार्यक्रम तक व्यस्त, नेतागिरी से फुरसत नहीं पढ़े पूरी खबर...


परमेश्वर कुमार साहू जर्नलिस्ट@गरियाबंद।
गरियाबंद जिले में पिछले 20 से ग्रामीण जर्जर सड़क निर्माण के साथ चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं.जो अब तक पूरी नहीं हुई है।छत्तीसगढ़ में 5 साल में सरकार तो बदल जाती है. लेकिन एक जिला ऐसा है जिसकी किस्मत नहीं बदलती.इस जिले के ग्रामीण इलाकों में सड़कें इतनी खस्ताहाल हैं कि लोगों का सब्र अब टूट चुका है. ग्रामीणों की माने तो वो पिछले बीस साल से सड़क की मांग कर रहे हैं.लेकिन उनकी ये मांग नहीं पूरी हुई. आरोप है कि छत्तीसगढ़ में इन बीस सालों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों की सरकार रही है.लेकिन किसी भी सरकार ने ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं की है.

आपको बता दे कि राजधानी रायपुर से होते हुए छत्तीसगढ़ के प्रयागराज  राजिम से छुरा तक जाने वाली सड़क खस्ताहाल है।जो पड़ोसी राज्य उड़ीसा को भी जोड़ता है।धर्मनगरी राजीम से छुरा तक का मार्ग का पूरी तरह से बुराहाल है और गढ्ढों से भरा पड़ा है।जो राहगीरों को  मौत का आमंत्रण खुलेआम दे रहा है।कई हादसे होने के बाद कुंभकर्णी निद्रा से न नेता जागे न प्रशासन।.इस सड़क की कुल लंबाई लगभग 43 किलोमीटर है.लेकिन इस सड़क को लेकर जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की उदासीनता देखी जा रही है. जिले के कई हिस्सों में सड़क निर्माण तो समय समय पर हुए हैं.लेकिन इस मार्ग न बनने से क्षेत्र के लोगों की  किस्मत नहीं बदली. पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा रिपेयर के नाम पर केवल खाना पूर्ति कर करोड़ों का घोटाला हर साल किया जाता है।केवल कागजों में सड़क का पेंच निर्माण हो जाता है।

क्षेत्रवासियों की जल्द सड़क चौड़ीकरण की मांग 

क्षेत्र के ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण के साथ चौड़ीकरण की मांग की गई थी. लेकिन अब तक ये मांग पूरी नहीं की जा सकी है. सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन से लेकर आंदोलन भी हो चुके हैं. लेकिन मांगों को लेकर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है. ग्रामीणों की माने तो पिछले 20 साल से वो सड़क निर्माण और चौड़ीकरण को लेकर धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर चुके हैं.लेकिन अब तक सड़क का चौड़ीकरण नहीं हो पाया है. जिसके कारण सड़क पर बने पुल भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.वही विभाग भ्रष्टाचार में शुरू से संलिप्त है जिस आज तक उच्च विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

अफसरों को कई बार दिया गया आवेदन 

सरकार चाहे कांग्रेस की हो या फिर भाजपा की. ग्रामीणों की सड़क चौड़ीकरण की मांग अब तक पूरी नहीं हो पाई है. जिसके कारण आम लोगों को आने जाने में काफी कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस जर्जर रोड के चौड़ीकरण को लेकर अब सियासत भी गरमाने लगी है. भाजपा और कांग्रेस के नेता सड़क चौड़ीकरण का काम जल्द से शुरू करने का आश्वासन बस दे रहे हैं।फिर भी नेता अपने दायित्व से बाज नहीं आ रहे है।

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