महासमुंद जिले का पिथौरा जल संसाधन उपसंभाग बना भ्रष्टाचार का गढ़, शासन की किसान हितैषी महत्वपूर्ण कार्य में स्टीमेंट के विपरीत व गुणवत्ताहीन कार्य कर करोड़ों का कर रहे है घोटाला - Savdha chhattisgarh
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महासमुंद जिले का पिथौरा जल संसाधन उपसंभाग बना भ्रष्टाचार का गढ़, शासन की किसान हितैषी महत्वपूर्ण कार्य में स्टीमेंट के विपरीत व गुणवत्ताहीन कार्य कर करोड़ों का कर रहे है घोटाला

.ठेकदार और एसडीओ का कमीशन का बड़ा खेल,शासन को जमकर लगा रहे है चुना.


परमेश्वर कुमार साहू@महासमुंद।
शासन द्वारा किसान और आम जनता के हित के लिए अनेकों योजना बनाकर करोड़ो अरबों की राशि जलसंसाधन विभाग को दे रहे है।ताकि इसका समुचित लाभ आम नागरिक और किसानों को मिल सके।लेकिन जलसंसाधन विभाग की भ्रष्ट नीति शासन की योजना को पूरी तरह से पलीता लगाने का कार्य कर रहा है।विभाग के अधिकारी ठेकेदार के साथ सांठ गांठ कर और घटिया निर्माण कर करोड़ो का व्यारा न्यारा करने में लगे है।लेकिन उच्च अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियो को इस ओर कोई ध्यान नही है।नतीजन अधिकारी व ठेकेदार घटिया निर्माण कार्य कर शासन को करोड़ो का चूना लगा रहे है और अपना जेब गर्म करने में लगे है।

महासमुंद जिला अंतर्गत पिथौरा ब्लॉक में जल संसाधन विभाग अंतर्गत दर्जनों निर्माण व विकास कार्य स्वीकृत हुए है।जो कछुआ गति से भी धीमी चल रहा है। जलसंसाधान उप संभाग पिथौरा अंतर्गत चल रहे जितने भी निर्माण व विकास कार्य है उसमे भ्रष्टाचार की बू आ रही है।उक्त पिथौरा जल विभाग में  माइनर नाली में चल रहे लाइनिंग कार्य में  विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार जमकर अनियमितता बरत रहे है और कमीशन खोरी कर शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना में बंदरबाट करने में लगे है।

मामले को लेकर उक्त विभाग के अंतर्गत चल रहे सभी कार्यों का पड़ताल किया गया। जहा एक बड़ी लापरवाही देखने को मिला। वही कई माइनर नाली में भ्रष्टाचार की दरारें अभी से दिखने लगा है जो नाली निर्माण में अनेक प्रकार की लापरवाही विभाग के जिम्मेदारों की पोल खोल रहा है। ऐसे कई दर्जनों मामले विभाग में है जो विभाग के अधिकारियों की भ्रष्ट नीति को उजागर कर रहा है। ऐसे कईयों इस विभाग में दर्जनों मामला है जिसका पड़ताल कर जल्द ही खुलासा किया जाएगा।वही उक्त मामले पर जिम्मेदार एसडीओ एल डी रायकर जवाब देने से बचते नजर आ रहे है।जिसकी लिखित शिकायत व उच्च स्तरीय जांच के लिए जल संसाधन विभाग महानदी भवन मंत्रालय रायपुर को किया जाएगा।वही मामले को लेकर कार्यपालन अभियंता से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन नहीं हो पाया।

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