फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम पंचायत लचकेरा में एनजीटी के नियमो को ताक में रखकर चैन माउंटेन से दिन और रात रेत की अवैध खुदाई - Savdha chhattisgarh
ad inner footer

फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम पंचायत लचकेरा में एनजीटी के नियमो को ताक में रखकर चैन माउंटेन से दिन और रात रेत की अवैध खुदाई

 .रेत माफिया का चैन माउंटेन मशीन धड़ल्ले से नदी का सीना छलनी कर नियमो की उड़ा रही है धज्जीया। विभाग की देखरेख में हो रहा है अवैध खुदाई.



परमेश्वर कुमार साहू @गरियाबंद(छत्तीसगढ़)
जिले में एनजीटी के नियमो की लगातार अनदेखी की जा रही है।जिसके कारण पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है।लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले खनन माफियों को खुली छूट दे रखा है। जिसके कारण पर्यावरण विभाग के सारे नियमो की लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही है।खनिज विभाग की सह पर खनन माफिया खुलेआम नियमो के विरूद्ध अवैध खुदाई कर रहे है।खनिज विभाग के आला अधिकारियों के देखरेख में अवैध खनन माफिया का कारोबार खूब फल फूल रहा है।

गौरतलब है कि गरियाबंद जिले के ग्राम लचकेरा  सहित दर्जनों गांव में रेत की अवैध खुदाई व परिवहन लगातार बेरोकटोक जारी है ।। रेत के कोचिया द्वारा (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) एनजीटी के नियमो के विरूद्ध दिन और रात चैन माउंटेन से खुदाई कर परिवहन करवा रहे।खनन माफिया द्वारा रेत खुदाई में पर्यावरण व खनिज विभाग के नियमो की जमकर अनदेखी की जा रही है।लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी निद्रा में सोए हुए।अब सवाल ये है कि आखिर सरकार इन जिम्मेदारो को तनख्वाह और सुविधाए किस काम के लिए देते है।जबकि इन अधिकारियों द्वारा अवैध खनन को रोकने और शासन के नियम को बचाने कोई पहल नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण जिले में अवैध खनन का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है।इसके बाद भी बिना रायलटी के रेत से भरा हाइवा सैकड़ो की तादाद में निकल रहा है।उसके बाद भी अवैध परिवहन पर कार्यवाही न होना समझ से परे है।

जिलें में रेत की कमी न हो व अवैध उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार ने रेत खदानों की स्वीकृति दी है। संचालित की जा रही रेत खदानों में नियमो का पालन नही किया जा रहा है। दरअसल रेत खदान में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी के नियमो का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।प्रतिबंध के बावजूद भी रेत खदानों में माफियाओं के द्वारा चैन माउंटेन से रेत उत्खनन किया जा रहा है। खनन माफिया का चैन माउंटेन मशीन धड़ल्ले से नदी का सीना छलनी कर रहा है।

बता दे कि भारत सरकार वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नोटिफिकेशन एवं इसमे किए गए संशोधनों के अनुसार रेत खदानों में खदान संचालन के लिए दी गई पर्यावरणीय अनापत्ति में यह शर्त होती है कि, रेत का खनन मानव श्रम से किया जाए जिसमे मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध है। रेत उत्खनन में ठेकेदार राष्ट्रीय हरित न्यायालय एनजीटी के आदेश की बेखौफ धज्जिायां उड़ा रहा है और जिलें का खनिज विभाग मौन साधे बैठा है।

ज्ञात रहे कि नई सरकार के गठन बाद ग्राम पंचायतों से खदान संचालन जारी करने की शक्ति वापस लिए जाने के बाद छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम के अंतर्गत इलेक्ट्रानिक निविदा के माध्यम से उत्खनन पट्टा आबंटित किया गया है। छत्तीसगढ़ की प्रदेश सरकार एक ओर रेत खदानों में अवैध खनन रोकने नियमानुसार नीलामी के माध्यम से रेत खदानों का आबंटन कर रही है। वही दूसरी ओर जिले के दर्जनों खदान में चैनमाउंटेन मशीनों से दिन रात अवैध रूप से रेत खनन का कार्य किया जा रहा है।जबकि नियमनुसार अभी नदी से  पूर्ण रूप से खनन व  परिवहन बंद होना चाहिए।


खनिज विभाग के अधिकारी को  संपर्क करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नही हो पाया। कुल मिलाकर तथ्य यह है कि बिना विभाग की मदद के अवैध खनन नहीं हो सकता है। वैध खनन की आड़ में स्वीकृत गहराइयों से अधिक गहराइयों तक पहुंच कर रेत खनन किया जा रहा है। समय रहते ठेकेदार की मनमानी नही रोकी गई तो रेत खनन पट्टा से बाहर जाकर भी खनन की जा सकती है। नदी से ढुलाई वाहन में दुगना-तिगुना रेत लेकर हाईवा बेरोकटोक बाहर निकाले जा रहे हैं।


मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध होने के बावजूद जिले के रेत खदान में एनजीटी के नियमो की खुलेआम धज्जिायां उड़ाई जा रही है। ठेकेदार के द्वारा चैन माउंटेन मशीनों से रेत उत्खनन किया जा रहा है। ठेकेदार का चैन माउंटेन मशीन बेखौफ नदीयो का सीना छलनी कर रहा है। रेत खदान संचालनकर्ता को खनिज रेत का मूल्य एवं अन्य प्रभारित करों को खदान क्षेत्र में आम जनता के लिये प्रदर्शित करना भी अनिवार्य है लेकिन जिले के कोई भी रेत खदान में वर्तमान व्यवस्था को दरकिनार किया जा रहा है।

प्रदेश की सरकार नई व्यवस्था से नदियों एवं जल स्रोतों के पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संरक्षण के साथ ही उपभोक्ताओं को सुगमता से उचित मूल्य पर रेत उपलब्ध कराना चाहती है पर उदासीन खनिज विभाग व ठेकेदार की मनमानी से पर्यावरणीय नुकसान हो रहा और रेत की कीमतें आसमान भी छू रही है।इस मामले को लेकर गरियाबंद जिले में चल रही अवैध रेत खनन का पड़ताल करने हमारे संवादाता ने वंहा मौजूद खनन माफियाओं से पूछा कि रेत की खुदाई कौन करवा रहा है और किस नियम के तहत नदी में चैन माउंटेन से खुदाई हो रही है तो खनन माफियाओं ने रौबदार बात करते हुए कहा को हम लोग खुदाई करवा रहे है और अवैध खुदाई कर रहे है।जिससे साफ जाहिर होता है कि विभाग की मिलीभगत से रेत खनन का अवैध कारोबार चल रहा है।जिसके कारण खनन माफियाओं को किसी भी कानून कायदा का डर नहीं है।


लचकेरा में नियमो को तार तार,शाम 6 बजे के बाद भी धड़ल्ले से रेत खुदाई और परिवहन


आपको बता दे की  गरियाबंद जिला के लचकेरा में रेत के अवैध कारोबार का पूर्ण रूप से अड्डा बन गया है।जिसमे विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयो की मिलीभगत की बू आ रही है।जिसके चलते सारे नियम कायदा को ताक में रखकर रेत माफिया शाम6 बजे सूरज ढलने के बाद भी चैन माउंटेन से रेत खुदाई कर। परिवहन कर रहे है और किसी भी प्रकार से पिट पास जारी नही कर रहे है।रेत कोचिया द्वारा रायलटी की चोरी कर शासन को लाखो करोड़ो की राजस्व की क्षति पहुंचा रहे है।जिसमे नीचे से लेकर ऊपर तक मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads