नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना शुभ माना जाता है दशहरा का दिन:हलधर नाथ जोगी
.अंचल में विजयादशमी आज,विलुप्ति की कगार पर लीला नाट्यमंच.
परमेश्वर कुमार साहू @गरियाबंद।असत्य पर सत्य और अधर्म पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा यानि विजयादशमी का त्योहार आज अंचल में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाएगा। जिससे पाण्डुका,अतरमरा,रजनकट्टा,कुरुद,पंडरीतराई,कुटेना,कुकदा,पोंड,पचपेड़ी आसरा,मुरमुरा,लोहरसी,धुरसा , फुलझर,गाड़ाघाट,सांकरा आदि गांवों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। जिसमें सुबह दस बजे स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन पश्चात शाम को अधर्म असत्य और घमंड का प्रतीक रावण का पुतला दहन और रामलीला नाटक का मंचन भी कई गांवों में होने की संभावना है। क्योंकि नाटक लीला का मंचन अब विलुप्त होने की कगार पर है इसलिए केवल औपचारिकता बनकर रह गया है। केवल राम लक्ष्मण हनुमान और रावण के अभिनय करने वाले कलाकार को तैयार कर रावणवध किया जाता है और रात्रि में शोभा यात्रा निकालकर सोनपत्ती रैनी लूट कर इस परम्परा का निर्वहन किया जाता है।
अंचल के वरिष्ठ साहित्यकार और भगवताचार्य कोपरा निवासी हलधर नाथ जोगी ने बताया कि यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत अधर्म है धर्म का विजय यानि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम आततायी असुर लंकापति रावण का वध कर भार्या सीता जी को रावण के बंधन से मुक्त कराकर धर्म की स्थापना कराया और लंकापति के अग्रज विभीषण को लंका का राज्याभिषेक करवाया और अयोध्या लौटे थे भगवताचार्य हलधर नाथ जोगी ने आगे बताया कि इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना शुभ और पुण्य माना जाता है जिसके लिए लोग दिनभर घूम-घूमकर इस पक्षी का दर्शन लाभ लेते हैं। और शस्त्र पूजा करने का विधान भी इस दिन किया जाता है।