परिवहन सुविधा केंद्र आबंटन में बड़ा झोल ,नियमो की उड़ाई गई खुलेआम धज्जी ,परिवहन अधिकारी द्वारा मनमानी कर अपने चहेतों को दे दिया आईडी, - Savdha chhattisgarh
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परिवहन सुविधा केंद्र आबंटन में बड़ा झोल ,नियमो की उड़ाई गई खुलेआम धज्जी ,परिवहन अधिकारी द्वारा मनमानी कर अपने चहेतों को दे दिया आईडी,

 


गरियाबंद । शासन के सारे नियम कानून के विपरित परिवहन सुविधा केन्द्र आवंटन का खेल गरियाबंद जिले में खूब चल रहा है।ज्ञात हो कि शासन द्वारा आम लोगो की सुविधा को देखते हुए परिवहन सुविधा केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत हर जिले के हर ब्लाक मुख्यालय व आवश्यकता के आधार पर परिवहन सुविधा केंद्र खोला जाना था ।आपकी जानकारी के लिए बता दे की अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य आरटीओ से संबंधित कार्य के लिए जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ती थी और इस कार्य में अनेकों दलाल सक्रिय थे जो अपने आप को आरटीओ एजेंट बताकर लाभार्थी से मोटी रकम वसूलकर आरटीओ से संबंधित कार्य करवाया जाता था ।अब हर ब्लाक मुख्यालय में परिवहन सुविधा केंद्र के द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य सर्विस दिया जायेगा।सरकार का आम लोगो के लिए ये महत्वपूर्ण फैसला है किंतु सरकार के नाक के नीचे चल रहे अधिकारियों की मनमानी तानाशाही पर सरकार नकेल नही कस सकी । 

 टेबल के नीचे से सारी प्रक्रिया पूर्ण

परिवहन सुविधा केंद्र के लिए विभाग द्वारा जारी विज्ञापन का आता पता नही न ही किसी प्रकार के संचार माध्यम से इसकी जानकारी दी गई ।जिससे बहुत से बेरोजगार लोगो को इसकी भनक भी नही लगी । विज्ञापन को गरियाबंद आरटीओ कार्यालय के सूचना पटल दीवार पर चिपकाया गया था जिसे कुछ देर बाद किसी के द्वारा फाड़ दिया गया।आवेदन करने के शुरुवात तारीख से अंतिम तारीख का समय भी बहुत कम दिया गया था, नियम के अनुसार पुलिस द्वारा जारी चरित्र प्रमाण पत्र आवेदन में संलग्न करना था ।जो इतने कम समय में चरित्र प्रमाण पत्र नही बनवाया जा सकता था।पर कुछ रसूखदार अच्छी पकड़ वाले लोगों ने दो तीन दिन में बनावा लिया बाकी सामान्य आवेदक का चरित्र प्रमाण पत्र नही बन पाया।

आवेदन पत्र में त्रुटि

परिवहन विभाग द्वारा जारी परिवहन सुविधा केंद्र के आवेदन पत्र में भी त्रुटि थी । आवेदन में मांगी गई कई जानकारी में कुछ जानकारी स्पष्ट नहीं थी फिंगेश्वर से आवेदन करने वाले शीतल कुमार साहू ने बताया कि आवेदन के तीसरे नंबर के कालम में पूछा गया था की परिवहन सुविधा केंद्र का नाम इसमें  स्पष्ट नहीं था की केंद्र नाम जैसे फलाना सुविधा केंद्र लिखना है या उस स्थान का नाम जहा परिवहन सुविधा केंद्र खोला जाना है ।फार्म जमा करने से पहले इस कालम में क्या भरना हैं जानकारी जब शीतल कुमार साहू द्वारा परिवहन विभाग में उस समय मौजूद कर्मचारियों को पूछा गया तो उनका जवाब था उसको खाली छोड़ दो क्योंकि अभी तो आपको परिवहन सुविधा केंद्र  मिला नही है तो नाम कैसे डाल सकते हैं ऐसा जवाब मौजूद कर्मचारियों द्वारा दिया गया। बाद में जब परिवहन सुविधा केंद्र की प्रक्रिया पूरी हुई तो आवेदक को ये कह दिया गया की आपके आवेदन में स्थान का नाम नहीं लिखा है और फिंगेश्वर से कोई भी आवेदन नही किया गया है। ऐसा परिवहन विभाग द्वारा जानकारी दे दी गई जबकि उक्त आवेदक ने फिंगेश्वर से इकलौता आवेदन किया था।

परिवहन अधिकारी की मनमानी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में आबंटित परिवहन सुविधा केंद्र को परिवहन विभाग के अधिकारी द्वारा अपने कृपा प्राप्त लोगो को दिया जाना बताया जा रहा है । जो पहले से ही आरटीओ एजेंट बनकर दलाली का कार्य करते थे लोगो के द्वारा ये आरोप लगाया जा रहा है ।नए लोगो को यह काम मिलता तो साहब की कमाई नही हो पाती। कुछ आवेदकों के सवाल पूछे जाने पर अधिकारी का जवाब था मैने अपने हिसाब से आबंटन किया है ।जिसको जो करना है कर ले और इसके लिए मैने ऊपर मंत्री तक मिठाई का डिब्बा पहुंचाया है ।

शासन द्वारा निर्णय तो अच्छा लिया गया पर परिवहन सुविधा केंद्र मार्गदर्शिका 2022 135/ के नियम अनुसार सारी प्रक्रिया से संबंधित पावर परिवहन अधिकारी को दे दिया गया है जो त्रुटि पूर्ण है। इसके लिए एक कमेटी गठित किया जाना था जिससे  चयन प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से संपादित होता ।

नियम विरुद्ध चयन

परिवहन सुविधा केंद्र मार्गदर्शिका 2022 135/ के नियम अनुसार 100 वर्ग फिट में ये सुविधा केंद्र खोला जाना था जिसमे तकनीकी रूम प्रतीक्षा रूम टॉयलेट बाथरूम जैसे कई सारे नियम है पर बिना किसी भौतिक सत्यापन के परिवहन अधिकारी द्वारा अपने कृपापत्र संचालकों को आईडी प्रदान कर दी गई।अब देखना यह है की इन संचालकों द्वारा 12×12 के इस सुविधा केंद्र में काम कैसे किया जाता हैं।





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